आरटीई फीस प्रतिपूर्ति: सतना-रीवा डीपीसी को नोटिस, सात दिन में जवाब-तलब
सतना | संक्रमण काल में गरीब बच्चों को शिक्षा मुहैया न करा पाने के मामले को राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त ने संजीदगी से लिया है। राज्य शिक्षा केंद्र ने आरटीई फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही में विलम्ब और लापरवाही बरतने पर सतना व रीवा समेत प्रदेश के 34 जिलों के जिला परियोजना समन्वयकों को नोटिस जारी किया है।
इन सभी जिला परियोजना समन्वयकों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियम 1966 के तहत नोटिस जारी कर सात दिवस में जवाब मांगा गया है। गौरतलब है कि स्टार समाचार ने 12 दिसंबर को ‘संक्रमण काल में गरीब बच्चों को भूली सरकार’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया था कि आरटीई राशि न मिलने के कारण कई गरीब बच्चों का भविष्य जहां अंधकारमय हो रहा है वहीं कई निजी विद्यालय भी आर्थक संकट का सामना कर रहे हैं।
आरटीई में ये हैं नियम
1. प्रत्येक निजी स्कूल में 25 फीसदी सीटें रिजर्व रहती हैं।
2. स्कूलों की फीस का वहन राज्य सरकार करती है।
3. सीट आवंटन की प्रक्रिया आॅनलाइन होती है।
इन जिलों के डीपीसी को भेजे नोटिस
राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिलों को समय-समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद भी इन जिलों के स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के नि:शुल्क अध्ययनरत बच्चों की सत्र 2016-17, 2017-18 और सत्र 2018-19 की फीस भुगतान के प्रस्ताव जिला परियोजना समन्वयक स्तर पर 3 माह से अधिक अवधि से लंबित थे। आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र लोकेश कुमार जाटव ने यह कारण बताओ सूचना पत्र गैर अनुदान प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को आरटीई फीस भुगतान में विलम्ब के लिए जारी किया है। जिन 34 जिलों के डीपीसी को नोटिस जारी हुए हैं उनमें सतना, रीवा, पन्ना , उमरिया, टीकमगढ़ समेत 34 जिले शामिल हैं।
देखिए हमारे यहां आरटीई की राशि के प्रपोजल तेयार हो चुके हैं जिसकी स्वीकृति भी उच्चाधिकारियों से मिल गई है। प्रपोजल की राशि कुछ घट रही है जिसकी डिमांड शासन को भेजी गई है। आशा है कि जल्द ही राशिजारी हो जाएगी। राशि होते ही भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
सुरेंद्र सिंह, डीपीसी