कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने निगम आयुक्त को सौंपी शिकायतें: काम के साथ, भुगतान की भी तय हो समय-सीमा
सतना | निर्माण कार्यों के समाप्त होने के 8 से10 माह बाद भी संविदाकारों का भुगतान नहीं होता है। सभी निर्माण कार्य वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में होते हैं, उस समय कोई जांच नहीं कराई जाती है लेकिन कार्य समाप्त होने के 2 से 4 माह बाद तरह - तरह की जांचे कराई जा रही हैं। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के नाम भुगतान नहीं किया जाता जिससे संविदाकारों की हालत दयनीय है। इसे देखते हुए जिस तरह निर्माण कार्यों के पूर्ण करने के लिए एक समय - सीमा निर्धारित की जाती है उसी तरह भुगतान के लिए भी एक समय-सीमा निर्धारित की जाए।
बगैर पैसे नहीं बढ़ती फाइल
संविदाकारों ने अपने ज्ञापन में सबसे बड़ा आरोप बगैर पैसे के कोई भी फाइल नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि निर्माण कार्य बेहतर और गुणवत्ता पूर्ण किए जाने का दबाव रहता है निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में सुधार भी हुआ किन्तु विभाग द्वारा हमेशा पैसा मांगा जाता है अन्यथा कोई फाइल आगे नहीं बढ़ती।
दो-दो वर्षों से नहीं मिल रही फाइलें
ज्ञापन में संविदाकारों ने अपनी कई और समस्याओं की ओर आयुक्त का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि 2-2 वर्षों से फाइल नहीं मिल रही है। कुछ फाइल्स विभाग द्वारा जानबूझ कर गुमा दी गई हैं, जिस पर संविदाकार व्यथित हैं। संविदाकारों की फाइलों का 1-1 वर्ष तक निराकरण नहीं होता।
निर्माण कार्यों की जांच से परेशान संविदाकारों ने ज्ञापन में कहा है कि हमारे निर्माणों की जांच तो होती है लेकिन अभी तक अमान्य पाए गए निर्माण कार्यों के लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन पर भी कार्रवाई की जाए। कोई कार्य सुधार या जांच, निर्माण कार्य चालू रहने के दौरान क्यों नहीं की जाती।
ये रहे मौजूद
इस दौरान कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद मिश्रा, शुभेन्द्र पांडेय, योगेश त्रिपाठी, सचिन शुक्ला, सरतु सिंह, त्रिभुवन यादव, अनवर मिर्जा,मयंक परौहा, अखिल त्रिपाठी, विपिन, प्रमोद तिवारी, ऋषि त्रिपाठी, त्रिभुवन, सौरभ त्रिपाठी, अरुण गर्ग पिक्की, गोलू अवस्थी, आशीष सिंह,एस के शर्मा, बृजेन्द्र पटेल, अमित मिश्रा एवं दिनेश सिंह मौजूद रहे।