57 करोड़ की बिजली जला रहे उपभेाक्ता और 35 करोड़ रुपए भर रही सरकार
रीवा। ताज्जुब है कि बिजली विभाग का आधे से अधिक का बिल सरकार वहन कर रही है। उपभोक्ता जमकर बिजली जलाते हैं, लेकिन चुकाते आधे से भी कम है। एक महीने में सिर्फ रीवा जिले का 57 करोड़ रुपए का बिल जनरेट होता है। इसमें अकेले 35 करोड़ रुपए सब्सिडी में कट जाते हैं। उपभोक्ताओं से करीब 21 करोड़ ही वसूला जाता है। इसमें भी 2.5 करोड़ पुराने एरियर पर सरचार्ज शामिल है।
बिजली विभाग की हालत सरकार की योजनाओं ने ही चौपट कर दिया है। उपभोक्ताओं को सिंगल बत्ती, डोमेस्टिक कनेक्शन, पम्प, एग्रीकल्चर और स्ट्रीट लाइन तक में सब्सिडी दे रही है। इस सब्सिडी का भुगतान सरकार उठा रही है। सुनकर ताज्जुब होगा कि रीवा में जितनी बिजली विद्युत विभाग बेचता है, उसका आधे से अधिक का भुगतान सरकार सब्सिडी का कर रही है। नवंबर में रीवा की डिमांड 57 करोड़ थी। इसमें से 35.95 करोड़ अकेले ही सरकार ने सब्सिडी में छूट दे दी।
उपभोक्ताओं पर सिर्फ 21 करोड़ का बोझ आया। इस राशि को वसूलने में भी हालांकि विभाग के पसीने छूट गए। जनवरी में यही डिमांड करीब 56 करोड़ रुपए है। इसमें से 35 करोड़ रुपए सरकार ने सब्सिडी में छोड़ दिए। 19 करोड़ रुपए नेट डिमांड आई। इसमें करीब 2.5 करोड़ रुपए भी सरचार्ज जोड़कर आया है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिजली विभाग के उपभोक्ताओं को साधने के लिए सरकार किस हद तक विभाग का दिवाला निकाल रही है। हद तो यह है कि जो सब्सिडी सरकार उपभोक्ताओं को दे रही है। अब तक विभाग को उसकी एक फूटी कौड़ी तक नहंी मिली है।
कहां कितना है पुराना एरियर बकाया
रीवा जिले में पुराना बकाया करीब 222 करोड़ 19 लाख है। इसमें रीवा सिटी में 39.21 करोड़, मऊगंज में 42.49 करोड़, त्योंथर में 42.30 करोड़, ईस्ट डिवीजन में 50.15 करोड़ और वेस्ट डिवीजन में 47.57 करोड़ रुपए पिछला बकाया है। इस बकाया राशि में से विभाग वसूली तो नहीं कर पा रही, लेकिन राशि जरूर बढ़ती जा रही है।
वसूली का बढ़ रहा दबाव बिजली काटेगा विभाग
विद्युत विभाग के अधिकारियों की हालत बहुत खराब है। राजस्व वसूली का दबाव बढ़ रहा है। हर हफ्ते समीक्षा में टारगेट दिया जा रहा है। ऐसे में अधिकारियों ने अब 3 हजार तक के उपभोक्ताओं को भी टारगेट में लेना शुरू कर दिया है। 3 हजार तक के बकाया उपभोक्ताओं का भी अब शहर संभाग कनेक्शन काटने की तैयारी में है। इस महीने रीवा जिले का टारगेट 56 करोड़ का था। इसमें से 35 करोड़ सब्सिडी में गए। शेष 19 करोड़ बचा। इसमें से भी अब तक सिर्फ 13 करोड़ रुपए ही आए हैं।
2.5 करोड़ हर महीने बढ़ जाता है
रीवा जिले में एरियर ही इतना है कि इस पर हर महीने 2.5 करोड़ का सरचार्ज बढ़ जाता है। इसके अलावा जो उपभोक्ता बिल नहीं जमा करते, उनका बकाया अलग है। हद तो यह है कि विद्युत विभाग के अधिकारी सरचार्ज के बराबर की राशि भी पुराने उपभोक्ताओं से वसूल नहीं कर पाते।
3 हजार से ऊपर बकाया वाले उपभोक्ताओं ने यदि बिल जमा नहीं किया है तो उनका भी कनेक्शन काटा जाएगा। जल्द उपभोक्ता बिल जमा कर लें।
ओपी द्विवेदी, कार्यपालन अभियंता, शहर संभाग, मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी रीवा