प्रमाण व सहमति पत्र के बीच अटका मामला, शहर में तीन दिनों से बंद है सिटी बस सेवा

सतना | शहर में सिटी बस सेवा का संचालन 1 अपै्रल से बंद हो गया है। नया परमिट जारी नहीं होने से बस संचालन बंद हो गया है। बताया जाता है कि बस संचालन के लिए नया परमिट जारी होने में नगर निगम की सहमति का पेंच फंसा हुआ है। सिटी बस सेवा के संचालन में लगी चारों बसों का परमिट 31 मार्च तक ही था। बसों का परमिट तीन माह के लिए और बढाने जाने के लिए बस आपरेटर पंकज त्रिपाठी ने पिछले 25 मार्च को परिवहन कार्यालय में एक आवेदन लगाया है। इस आवेदन में चार नए स्थानों से संचालन की अनुमति मांगते हुए  रूट में कुछ परिवर्तन किया गया है। रूट में परिवर्तन के साथ मांगे गए परमिट को जारी करने के लिए परिवहन महकमे ने बस आॅपरेटर से नगर निगम से सहमति पत्र मांगा है। 

इस बीच निगम में सिटी बस सेवा के संचालन का काम देख रहे जिम्मेदारों ने बस आॅपरेटर से ही इस बात का प्रमाण पत्र मांग लिया है कि जिस क्षेत्र से वे बस का संचालन चाह रहे हैं वह नगर निगम सीमा में आता है कि नहीं? सहमति पत्र और प्रमाण पत्र के बीच अटके सिटी बस सेवा का परमिट जारी नहीं होने से फिलहाल पिछले तीन दिनों से शहर में यह सेवा बंद है,लेकिन न तो प्रशासनिक अमला और न जनप्रतिनिधि इस बारे में कुछ बोल रहे हैं। यह बात अलग है कि इसका फायदा उठाकर आॅटो चालकों ने जरूर अपना किराया बढ़ा दिया है। 

फायदा नहीं तो इंट्रेस्ट नहीं 
हर काम में अपना फायदा पहले तलाशने की नगर निगम के इंजीनियरों की फितरत शहर की बड़ी सौगात पर भारी पड़ती नजर आ रही है। दरअसल लम्बे इंतजार के बाद शुरू हुई सिटी बस के संचालन के समय से ही वैसा सहयोग निगम के जिम्मेदारों का बस संचालक को नहीं मिल रहा है। रेलवे स्टेशन के जिस परिसर में बस खड़ी करने की सुविधा मुहैया करवाई गई है। वहां पर आॅटो व अन्य वाहन चालकों ने पार्किंग बना रखी है पर जगह को व्यवस्थित करवाने की जिम्मेदारी किसी के द्वारा नहीं उठाई जा रही है। 

.... तो कौन करेगा ननि के एरिया का निर्धारण? 
शहर में सिटी बसों के संचालन के लिए बस आॅपरेटर ने तीन माह का परमिट नए सिरे से जारी करने का आवेदन परिवहन कार्यालय में लगाया है। 25 मार्च को दिए आवेदन में बस आॅपरेटर ने नए स्थान और रूटों के साथ बस संचालन का परमिट मांगा है। बस संचालक के आवेदन के बाद परिवहन अधिकारी ने नए रूटों में परमिट जारी करने के लिए नगर निगम से सहमति पत्र मांगा है। इस पर निगम के एक काम चलाऊ कार्यपालन यंत्री ने बस आॅपरेटर से इस बात का प्रमाण पत्र मांगा है कि आप जहां से बस संचालन का परमिट चाह रहे हैं वह क्षेत्र नगरीय सीमा में आता है या नहीं? अब सवाल यह है कि कौन सा क्षेत्र नगरीय सीमा में आता है और कौन सा क्षेत्र नहीं, आखिर इस बात का फैसला कौन करेगा? बस आॅपरेटर या नगर निगम? 

शहर में यहां चल रही थी 4 बसें 

  • रेलवे स्टेशन से बदखर : 02 
  • रेलवे स्टेशन से माधवगढ़ : 02 

ये है नया आवेदन 
 1. जिगनहट से बदखर 
रूट : महदेवा, धवारी, कलेक्ट्रेट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बदखर 

2. बाइपास तिराहा (खाना- खजाना) से पशुपतिनाथ 
रूट : नजीराबाद, सिटी कोतवाली, रेलवे स्टेशन, सर्किट हाउस, सिविल लाइन, पशुपतिनाथ 

3. विट्स कालेज से सोनौरा 
रूट : पतेरी, सिविल लाइन, सर्किट हाउस, मैहर बाइपास, सोनौरा

4. एकेएस यूनिवर्सिटी से माधवगढ़ 
रूट: सोहावल मोड़, पतेरी, सिविल लाइन, कलेक्ट्रेट, सिटी कोतवाली, सर्किट हाउस, बस स्टैंड, माधवगढ़