ऑटो से टकरा कर ओवरब्रिज में लटकी कार, 4 यात्री घायल
सतना | रेलवे ओवरब्रिज पर रफ्तार ने एक बार फिर हादसे का रूप ले लिया। कार आॅटो से टकराकर अनियंत्रित हो गई और आरओबी में लटक गई। इसे चालक की खुशकिस्मती ही कहेंगे, कि अनियंत्रित कार निर्माणाधीन आरओबी पर लगे टीन और सरिया में फंस गई अन्यथा कार ट्रैक पर गिर जाती।
हादसा बुधवार की शाम करीब साढ़े 6 बजे उस वक्त हुआ, जब महिला कार चालक आॅफिस से अपने घर रीवा रोड की ओर जा रही थी। घटना के वक्त ही कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह पहुंच गए, जिन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना देकर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसी दौरान ओवरब्रिज पर मौजूद राहगीरों ने न केवल घायल आॅटो सवारों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया बल्कि कार चालक को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
राहगीरों ने रेस्क्यू कर महिला कार चालक को उतारा
जानकारी के मुताबिक कार क्रमांक एमपी 20 सीबी 8645 को लेकर कल्पना तिवारी पति अरविंद तिवारी अपने घर रिद्धि-सिद्धि अपार्टमेंट जा रही थी। कल्पना तिवारी कलेक्ट्रेट स्थित एसबीआई शाखा में बैंक मैनेजर है। आॅफिस के काम से फुर्सत होने के बाद वह कार लेकर जा रही थी। सिविल लाइन की तरफ से आकर ओवरब्रिज क्रास कर रही थी। इस दौरान उन्होंने एक आॅटो को ओवरटेक किया और सामने से आ रहे दूसरे आॅटो से कार टकरा गई। टक्कर के बाद उन्होंने कार पर नियंत्रण खो दिया।
लिहाजा कार निर्माणाधीन स्पॉट में जाकर टीन और सरिया के बीच फंस गई। कार की ठोकर लगने से आॅटो चालक सुरेन्द्र कपाड़िया 40 वर्ष निवासी सोहावल, श्याम किशोर यादव 45 वर्ष निवासी अहरी टोला और श्रद्धा तथा रागिनी नाम की तो युवतियां घायल हो गई। बताते है कि सुरेन्द्र और श्याम किशोर को गंभीर चोटें हैं, जिनका इलाज चल रहा है। वहीं दोनों युवतियों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। यह दोनों युवतियां जीएनएम में पढ़ाने का काम करती है। इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने दुर्घटना का प्रकरण कायम कर विवेचना शुरू कर दी है।
युवकों ने महिला कार चालक को निकाला बाहर
एसबीआई की मैनेजर कल्पना तिवारी सुरक्षित बच गई, परंतु जिस जगह पर कार अटकी थी, उसे देखकर थोड़ी देर के लिए अवाक रह गई। उनमें इतनी हिम्मत नहीं थी, कि कार का गेट खोलकर नीचे उतर सके। कुछ युवाओं ने सूझ-बूझ का परिचय देते हुए कार के गेट खोले। उन्हें पीछे से बाहर निकाल लिया। ज्ञात हो कि ओवरब्रिज के फुटपाथ को उस स्पॉट पर तोड़ दिया गया था, जिससे नीचे उतरने की जगह नहीं थी।
डेढ़ घण्टे बाद सामान्य हुआ रास्ता
ओवरब्रिज पर यूं तो जाम लग ही जाता है, मगर इस हादसे के बाद करीब डेढ़ घण्टे यातायात सामान्य होने में लगा। ब्रिज पर कार लटकी थी, जिसे देखकर कई वाहन चालक खड़े हो जाते थे, जिससे यह स्थिति निर्मित हो रही थी। हालांकि बाद में पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त स्पॉट को कवर किया और किसी को भी वहां रूकने नहीं दिया।
हादसा देख रूके कलेक्टर
ओवरब्रिज में जिस वक्त हादसा हुआ, उसी दौरान कलेक्टर श्री सिंह रीवा में आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक से वापस लौटे थे। उन्होंने देखा कि कार आरओबी में लटकी हुई है। उन्होंने तत्काल वाहन रूकवाया और वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर निर्देश दिए। कलेक्टर की सूचना से यातायात एवं सिविल लाइन थाना की पुलिस सक्रिय हुई। जिन्होंने तमाशबीनों को हटाया। यातायात बहाल किया।
क्या बलि लेकर ही पूर्ण होगा ओवर ब्रिज का मेंटीनेंस ?
राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित ओवर ब्रिज की मरम्मत का कार्य क्या किसी की बलि लेकर ही पूर्ण होगा? यह सवाल इसलिए कि बुधवार को ओवर ब्रिज के अधूरे निर्माण कार्य की भेंट चढ़ते- चढ़ते एक कार चालक महिला बाल-बाल बची। दरअसल 750 मीटर लम्बे इस रेलवे ओवर ब्रिज के दोनों तरफ की मरम्मत का कार्य दिसम्बर 2017 में शुरू हुआ था। जिसे आठ माह में पूर्ण करना था लेकिन 24 माह का समय बीत जाने के बावजूद अभी भी लगभग 23 मीटर से ज्यादा का कार्य बकाया है। बताया जाता है कि ठेकेदार को 31 दिसम्बर 2019 तक मरम्मत का कार्य पूर्ण करने का अतिरिक्त समय दिया गया था।
एक माह से बंद है काम
ब्रिज की मरम्मत के लिए दिया गया अतिरिक्त समय पूर्ण हो जाने और लगभग 20 लाख रूपए का बिल बकाया होने के चलते ठेकेदार ने विभाग पर दबाव बनाने के लिए पिछले एक माह से ब्रिज की मरम्मत का काम बंद कर रखा है। इस पूरे प्रकरण में सबसे दुखद पहलू यह है कि कार्य को समय से पूर्ण करवाने की जिम्मदारी जिन पर है उन्हे यह तक नहीं मालूम की ब्रिज की मरम्मत का कार्य बंद है कि चालू है। ब्रिज पर हुए हादसे और मरम्मत में हो रही देरी के सम्बंध में जब विभाग के एसडीओ से चर्चा करने का प्रयास किया गया तो उन्होने फोन नहीं उठाया।