एक ऐसा स्कूल जहां लुक-छिप कर पहुंचते हैं छात्र

सतना | शिक्षा का अधिकार तो है पर स्कूल कैसे पहुंचें। इस पर किसी की नजर नहीं। सरकार गरीब बच्चों को शत- प्रतिशत स्कूल पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। मगर सरकारी स्कूलों को रास्ता ही नहीं दिया जा रहा। स्कूलों को रास्ता दिलाने के लिए कभी प्रयास नहीं हुए। ऐसा हीएक स्कूल है सोहावल विकासखंड के ग्राम पंचायत कोठरा में। कक्षा 8वीं तक के इस स्कूल में छात्रों की संख्या 118 है। परन्तु 30 से 40 ही पहुंचते हैं। वह भी लोगों की नजर बचा कर। स्कूल के रास्ते पर दबंगों का पहरा रहता है। चारों तरफ से खेत हैं।

एक ऐसा स्कूल जहां लुक-छिप कर पहुंचते हैं छात्र

स्कूल का अपना रास्ता नहीं है। जो पुराना रास्ता था उसे प्रशासन की गलत फहमी के चलते रिटायर्ड फौजी को आवंटित कर दिया गया। स्वामित्व की जमीन होने के चलते लोगों ने फसल को बचाए रखने तार बाड़ी लगा रखी है। कोई अंदर जाता है तो कई बार मारपीट भी हो जाती है। यही कारण है कि इस स्कूल में दर्ज आधे से अधिक छात्रों ने स्कूल जाना ही छोड़ दिया है। स्कूल के आसपास जिन किसानों के खेत हैं और उनके द्वारा आपत्ति की जाती है। कोठरा में जिन बच्चों का नाम इस स्कूल में दर्ज है उनका भविष्य लोग नहीं समझ पा रहे। वो उन्हें स्कूल जाने से रोकते हैं?

फौजी की जमीन बनी रुकावट
माध्यमिक शाला कोठरा पहुंचने के लिए कुछ समय पहले तक परेशानी नहीं थी। मुख्य मार्ग से 500 मीटर पर स्थित स्कूल के लिए रास्ता था। परन्तु रास्ते को जाने कब पंचायत के द्वारा फौजी को आवंटित कर दिया गया। तबसे स्कूल पहुंचने के लिए बच्चों को नजरें बचाकर आना-जाना पड़ता है। अगर आवंटित जमीन को 500 मीटर तक ले लिया जाए और फौजी को दूसरी जगह जमीन दे दी जाए तो बच्चों के लिए रास्ता मिल सकता है। 

ठंडे बस्ते में प्रकरण 
माध्यमिक शाला कोठरा के रास्ता विहीन होने का पूर्व में भी प्रकरण उछला था। तत्कालीन तहसीलदार एवं एसडीएम के द्वारा कार्रवाई शुरू की गई परन्तु बाद में ठंडे बस्ते में रख दिया गया। अब कोई गौर नहीं कर रहा। यहां पदस्थ शिक्षक मजबूरी में स्कूल तो पहुंचते हैं परन्तु वह भी लोगों की नजरें बचाकर ही आते- जाते हैं। 

माध्यमिक शाला कोठरा पहुंचने के लिए बच्चों को परेशानी हो रही है। इस संबंध में हेड मास्टर के द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई। अगर यह स्थिति है तो कलेक्टर सर से चर्चा कर पहुंच मार्ग दिलाया जाएगा। 
टीपी सिंह, डीईओ, सतना

माध्यमिक शाला कोठरा रास्ता विहीन है। छात्र व शिक्षक जोखिम का सामना कर स्कूल आते- जाते हैं अगर कोई भी भू स्वामी देख लेता है तो वह निकलने नहीं देता। कई बार अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया मगर स्कूल के लिए रास्ता नहीं मिल सका। 
बृज किशोर पांडेय