बरगी प्रोजेक्ट में टनल या लिफ्ट, 20 करोड़ में सर्वे कर बताएगी कंपनी
सतना | सुरसा की तरह लगातार बढ़ रहे बरगी परियोजना के बजट पर एक और भार डालने की साजिश की जा रही है। बरगी प्रोजेक्ट अंतर्गत स्लीमनाबाद में बन रही जिस टनल को सरकार बरगी दायीं तट परियोजना के लिए रामबाण बता रही थी , अब सरकार उसी टनल प्रोजेक्ट से करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद यू टर्न लेने की तैयारी कर रही है। बेशक यह बात सुनने में अतशयोक्ति लगे लेकिन यह सच है कि कई साल व करोड़ों रूपए गवाने के बाद सरकार यह जांचने के लिए सर्वे कराने जा रही है कि बरगी दांयी तट परियोजना के लिए टनल प्रोजेक्ट सही होगा अथवा लिफ्ट प्रोजेक्ट।
जानकारों की मानें तो इस सम्बंध में नर्मदा नियंत्रण मंडल की 68 वीं बैठक में बॉपकोस के साथ एमओयू हस्ताक्षर भी किया गया है। बॉपकोस द्वारा सर्वे के बाद प्रस्तुत ड्राइंग डिजाइन व प्रतिवेदन के बाद इस बात का फ ैसला होगा कि नर्मदा का पानी टनल अथवा उद्वहन के जरिए सतना लाया जाए। बताया जाता है कि इसके लिए सर्वे एजेंसी को 20 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। सवाल यह है कि ऐसा सर्वे बरगी परियोजना शुरू होने के दौरान ही क्यों नहीं कराया गया? बिना परीक्षण के यदि टनल का काम शुरू कर दिया गया था तो फिर परियोजना में देरी व कई गुना बढ़ी लगात का जिम्मेदार कौन है और उन पर क्या कार्रवाई की गई?
गौरतलब है कि सतना- रीवा के 885 गावों के किसानों को नर्मदा के जल से सिंचित करने का सब्जबाग विगत कई वर्षों से जनप्रतिनिधि व सरकार दिखा रहे हैं लेकिन सरकार स्वयं ही आश्वस्त नहीं है कि जनता की गाढ़ी कमाई के अरबों रूपयों की जिस परियोजना पर वह काम कर रही है, वह सही भी है या गलत? सरकार की इस नादानी से राज्य के कोटे का पानी छिनने का खतरा पैदा हो गया है बावजूद इसके इस परियोजना के गुनाहगार सरकार की मलाई चाट रहे हैं।
बजट डायवर्ट करना भी लेट लतीफी का कारण
सूत्रों के अनुसार इस परियोजना के लिए 2021 में जो बजट सुरंग एवं नहर के लिए स्वीकृत था उस बजट को इंदौर - खंडवा स्थानांतरित कर दिया गया है। इस कारण टनल एवं नहर का कार्य बाधित हुआ है। साथ ही साथ आर्किटेक कंपनी को ओपन लिफ्ट माध्यम से नहर की ड्राफ्ट डिजाइन बनाए जाने करोड़ों का वर्क आर्डर भी दिया गया है। जानकार बताते हैं कि अगर टनल के स्थान पर ओपन लिफ्ट के माध्यम से नहर बनाई जाएगी तो लिफ्टिंग में 150 मेगावाट बिजली,तकनीकी और मेंटेनेंस का अतिरिक्त खर्चा जुड़ेगा। इसके अतिरिक्त सतना जिले के अलावा अन्य क्षेत्र में भी पानी की खपत होगी जिससे सतना जिले में पूर्व से प्रस्तावित सिंचित भूमि का रकबा और पानी की उपलब्धता में कमी आएगी।
दो साल में पूर्ण हो सकता है टनल का कार्य
2024 के पहले टनल का काम पूर्ण करके नर्मदा का पानी लाने की कवायद के बीच इस प्रोजेक्ट से जुड़े जानकार मानते हैं कि लिफ्ट योजना से पानी लाने के प्रयास में जितना समय लगेगा उतने में यदि सुरंग का काम तेजी के साथ कराया जाए तो अगले दो सालों में सुरंग खोदने का काम पूर्ण हो सकता है। जानकारों का मानना है कि 3 मीटर न्यूनतम और 8 मीटर अधिकतम टनल की खुदाई का कार्य मौजूदा समय में चल रहा है।
ऐसे में 6 मीटर की खुदाई एवरेज रोजाना मानी जाए तो कटनी और जबलपुर की तरफ से लगी मशीनें रोजाना 12 मीटर खुदाई का कार्य करेंगी और इस स्थित में 7 किमी का बचा कार्य इस गति से अगले दो सालों में पूर्ण हो सकता है। सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर आरके सिंह का कहना है कि पहले कट एंड कवर प्रस्तावित था फिर टनल का काम शुरू किया गया अब फिर से लिफ्ट इरीगेशन की बात करना गलत है। यदि संविदाकार पर दबाव बनाकर दोनो सिरों पर काम में तेजी लाने को कहा जाय तो समय सीमा में टनल बन जाएगी और राज्य के कोटे का पानी भी नहीं छिनेंगा।
180 करोड़ का आएगा वार्षिक विद्युत व्यय
जानकारों का कहना है कि बरगी दार्इं तट नहर में बन रही टनल रोक कर प्रस्तावित लिफ्ट योजना लोकहित में नहीं यह आर्थिक व्यवहारिक और सैद्धांतिक रूप से गलत है। इस योजना से किसानों पर अर्थिक बोझ पड़ेगा।
नर्मदा के पानी के नाम पर सतना के किसानों के साथ षडयंत्र किया जा रहा है। सतना का पानी टीमरखेड़ा और बड़वारा भेजने की साजिश रची जा रही है, लेकिन हम स्पष्ट कर रहे हैं कि नर्मदा के जल पर विन्ध्यवासियों का हक है और हम सब मिलकर अपना हक लेकर रहेंगे।
रामप्रताप सिंह, पूर्व विधायक
लिफ्ट इरीगेशन परमानेंट व्यवस्था नहीं हो सकती है। नर्मदा के पानी को चित्रकूट क्षेत्र तक लाया जाना क्षेत्रवासियों की कृषि व्यवस्था के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। बरगी परियोजना विंध्य के किसानों के लिए लाइफलाइन की तरह है। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेगी।
सुरेंद्र सिंह गहरवार, पूर्व विधायक
देखिए गत दिवस मैने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बरगी के संबंध में पत्र देकर डिजाइन-ड्राइंग बदलने से अतिरिक्त खर्चे से अवगत कराया है जिस पर सीएम ने प्रस्तावित परियोजना के अनुसार ही कार्य कराए के प्रति आश्वस्त किया है। उम्मीद है कि 2023 के अंत तक सतना के खेत बरगी के जल से सिंचित होंगे।
शंकरलाल तिवारी, पूर्व विधायक