अंतिम दिन लाइन में ही लगे रह गए 8 हजार 194 अन्नदाता
रीवा। समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली धान की अंतिम तिथि समाप्त हो जाने के बाद जिले के 15 हजार 619 किसान अपनी धान नहीं बेच पाए हैं। सोमवार को जिले के विभिन्न खरीदी केन्द्रों में अपनी धान बेचने के लिए 8 हजार 194 अन्नदाता लाइन में ही लगे रह गए। लिहाजा सर्वर डाउन होने के चलते उनकी धान नहीं बिक पाई।
प्रशासनिक अव्यवस्था ने किसानों की कमर तोड़ दी। बारदाने की कमी के चलते किसानों ने खुद बारदाना तक खरीदा और धान बेची।सोमवार को धान खरीदी के अंतिम दिन जिले में बनाए गए 71 खरीदी केन्द्रों में किसान अपनी धान बेचने के लिए लाइन में लगे रहे। इस वर्ष शासन द्वारा तिथि भी नहीं बढ़ाई गई। ऐसे में वह किसान जो अपनी धान की बिक्री नहीं कर पाए हैं उनके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है।
किसानों की धान बिक्री न होने के और भी कई कारण माने गए हैं जिसमें समिति प्रबंधकों की हड़ताल, अधिकारियों की लापरवाही के चलते बारदाने की कमी एवं मौसम का बिगड़ता मिजाज भी खरीदी न होने का कारण बना है। परंतु खरीदी केन्द्रों में जो सबसे बड़ी अव्यवस्था देखी गई है, उसमें बारदाने का न होना अधिकारियों की लापरवाही मानी जा रही है।
दिन भर बंद रहा सर्वर
सोमवार को धान खरीदी का अंतिम दिन था। ऐसे में पूरा दिन सर्वर ही बंद रहा। कई दिनों से धान की तौल कराने के लिए लाइन में लगे किसान सर्वर बंद होने के चलते सोमवार को भी अपनी धान की तौल नहीं करा पाए हैं। अधिकारियों द्वारा अभी तक यह भी साफ नहीं बताया गया है कि जो किसान खरीदी केन्द्रों में कई दिनों से तौल का इंतजार कर अपनी धान लेकर जमे थे, उनकी तौल कराई जाएगी या नहीं। शासन द्वारा दी जाने वाली गाइड लाइन का अधिकारी भी इंतजार कर रहे हैं। लिहाजा अभी तक ऐसा कोई भी आदेश खाद्य नियंत्रक के पास नहीं आया है। जिसमें यह मालूम हो सके कि तिथि बढ़ाई जाएगी या नहीं तथा जो किसान खरीदी केन्द्र में धान लेकर पड़े हैं उनकी धान की तौल होगी।
खुद खरीदा बारदाना और बेची धान
जिले के ज्यादातर खरीदी केन्द्रों में एक सप्ताह से बारदाना नहीं होने के चलते किसान धान नहीं बेच पाए हैं। गोविंदगढ़ खरीदी केन्द्र में कई दिनों से बारदाना नहीं होने के चलते खरीदी केन्द्र प्रभारी ने किसानों को यहां तक कह दिया कि अगर उन्हें अपनी धान की बिक्री करना है तो वह खुद बारदाना खरीदें। मजबूर कई किसान रविवार को खुद बारदाना खरीदकर खरीदी केन्द्र की मोहर लगाने के बाद अपनी धान की बिक्री किए हैं। बारदाना की कमी की शिकायत पिछले दिनों भुनगांव खरीदी केन्द्र पहुंचे कलेक्टर बसंत कुर्रे से की गई थी, जिस पर उन्होंने जल्द ही बारदाना उपलब्ध होने का आश्वासन दिया था। विभागीय अधिकारियों द्वारा यह बताया गया कि जो बारदाना शासन से उपलब्ध कराया जा रहा है, वह खरीदी केन्द्रों में भेजा जा रहा है। इसके बाद भी निरंतर बारदाना की कमी बनी रही और किसान भटकते रहे।
सीमावर्ती खरीदी केन्द्रों में हुई यूपी के धान की खरीददारी
जिले के तराई क्षेत्र में बनाए गए खरीदी केन्द्रों में उत्तरप्रदेश की सर्वाधिक धान बेचे जाने का मामला सामने आया है। रायपुर सोनौरी, चांदी, अतरैला, मांगी, परसिया में यूपी की धान दलालों द्वारा लाकर बेची गई है। सूत्रों की मानें तो खरीदी केन्द्र के अधिकारी ही इसके सूत्रधार बताए जा रहे हैं।
अतरैला के सेल्समैन एवं प्रभारी समिति प्रबंधक विनोद तिवारी द्वारा इस कार्य का पूरी तरह से जिम्मा लिया गया था। पिछले दिनों मांगी खरीदी केन्द्र में उत्तरप्रदेश की पकड़ी गई डेढ़ सौ क्विंटल धान के बाद व्यापारियों से तालमेल बनाकर वह धान किसानों के घरों तक पहुंचाई गई जिसे कमीशन की लालच में कई किसानों ने इसे बेचा है। इस बात की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को होने के बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
आक्रोशित किसानों ने किया चकाजाम
जिले के सिरमौर एवं मांगी खरीदी केन्द्र में कई दिनों से बारदाना की कमी के चलते बंद खरीदी में आक्रोशित किसानों ने चकाजाम किया है। सिरमौर में सोमवार को किसानों ने अपनी धान की तौल न होने पर घंटों हाइवे को जाम कर नाराजगी व्यक्त की। मौके पर पहुंची पुलिस की समझाइश के बाद उन्होंने जाम खोला है। यहां पर सबसे बड़ी बात यह सामने आ रही है कि खरीदी केन्द्रों में जब बारदाने उपलब्ध नहीं थे, तो पहले से इसकी व्यवस्था अधिकारियों ने क्यों नहीं की। इतना ही नहीं अव्यवस्था के चलते कई दिनों तक खरीदी केन्द्र में किसान अपनी धान को लेकर कड़कड़ाती ठण्ड में पड़े रहे परंतु अधिकारियों ने इसे लगातार नजरअंदाज किया है।