खसरे में दर्ज होगी यूनिक आईडी, सिस्टम करेगा जनरेट
रीवा | भू-अभिलेख आयुक्त ने बताया कि अप्रैल माह से नवीन राजस्व वर्ष प्रारंभ हो गया है। अप्रैल 2021 से नवीन खसरा तैयार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश भू-राजस्व 1959 में प्रत्येक ग्राम के लिए भू-अभिलेख संधारित करने का प्रावधान है। संहिता के अन्तर्गत एवं मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण एवं भू-अभिलेख) नियम, 6 जुलाई 2020 में किये गये प्रावधानों के अनुसार इस राजस्व वर्ष से खसरे का नवीन प्रारूप लागू किया जा रहा है।
उन्होंने नवीन भू-राजस्व संहिता की जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान खसरे में कालम नंबर-1 में सर्वे संख्या अंकित किया जाता था अब नवीन खसरे के कालम नंबर-1 में प्रत्येक भूमि के भाग को एक यूनिक आईडी दी जायेगी जो सिस्टम जनरेटेड होगी। भविष्य में जैसे-जैसे जीआईएस नक्शे वर्तमान नक्शों का स्थान लेंगे उसी अनुसार यूनिक आईडी का स्थान ले लेंगे। खसरे के कालम नंबर-2 में अब यह जानकारी दी जायेगी कि भूमि का वास्तविक प्रकार क्या है। भूमि कृषि के उपयोग में है या कृषि भिन्न है। यदि कृषि भूमि है तो सर्वे संख्या के साथ (एस) लिखा जायेगा। कृषि भिन्न उपयोग की स्थित में ब्लाक संख्या के साथ (बी) एवं भूखण्ड संख्या के साथ (पी) का उल्लेख करना होगा।
भू-अभिलेख आयुक्त ने बताया कि वर्तमान खसरा के कालम नंबर-3 में अभी कब्जेदार का नाम, निवास स्थान, स्वामित्व का अधिकार एवं लगान का उल्लेख होता था। नवीन खसरे के कालम नंबर-3 में भू-खण्ड संख्या को दर्शाया जायेगा। कालम नंबर-3 में यदि भूमि कृषि भिन्न उपयोग की है तो उसका भूखण्ड संख्या अंकित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान खसरे के कालम नंबर-4 में अभी भू-स्वामी या पट्टेदार का या किसी मौरूषी कास्तकार के उपपट्टेदार का नाम पट्टे की रकम और उपपट्टे के भाग का क्षेत्रफल दशार्या जाता था। नवीन खसरे के कालम नंबर-4 में भूमि का क्षेत्रफल, उपयोग भू-राजस्व या भू-भाटक का उल्लेख किया जायेगा। यदि भूमि कृषि है तो क्षेत्रफल हेक्टेयर में और कृषि भिन्न उपयोग की स्थिति में वर्गमीटर में क्षेत्रफल का उल्लेख होगा।
शासकीय भूमि का दिया जाएगा स्पष्ट विवरण
उन्होंने बताया कि नवीन खसरा के कालम नंबर-5 में भूमि स्वामी का संपूर्ण विवरण और यदि भूमि शासकीय है तो उसका विवरण अंकित होगा। भूमि स्वामी का नाम, उसके माता-पिता, पति का नाम, निवास का पता का विवरण होगा। भूमि के शासकीय होने पर उसकी स्थित का स्पष्ट विवरण दिया जायेगा। नवीन खसरा के कालम नंबर-6 में भूमि स्वामियों के नाम अंश सहित अंकित किये जायेंगे। कालम नंबर-7 में सरकारी पट्टेदार का नाम, माता-पिता, पति का नाम उसका पता, पट्टे अवधि एवं उसके क्षेत्रफल का उल्लेख होगा।
उन्होंने बताया कि कालम नंबर-8 में नवीन खसरे में पड़ती भूमि का उल्लेख नहीं किया जायेगा। जब कभी पड़ती की जानकारी की आवश्यकता होगी तो उसे कालम नंबर-4 के अंकित क्षेत्रफल से कालम नंबर-11 में अंकित क्षेत्रफल से घटाने से प्राप्त किया जा सकेंगा। कालम नंबर-9 में बंधक, दृष्टि बंधक एवं भू-अर्जन की प्रक्रियाधीन भूमि का उल्लेख आयेगा। कालम नंबर-10 में फसल का विवरण अर्थात रबी, खरीफ, जायद फसल का उल्लेख किया जायेगा। असिंचित को (अ) एवं सिंचित को (सि) का उल्लेख होगा। उन्होंने बताया कि कालम नंबर-12 में भूमि पर स्थाई संरचना एवं ऐसी जानकारियां जो खसरे के कालम नंबर-1 एवं 11 में नहीं आयीं है का उल्लेख होगा।