नए कृषि कानूनों के खिलाफ कल कांग्रेस के विधायक ट्रैक्टर से पहुंचेंगेे विधानसभा
भोपाल | कांग्रेस ने कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा को घेरा। पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव और पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अपने स्थापना दिवस 28 दिसंबर पर काले कानूनों का पुरजोर विरोध करेगी। कांग्रेस के सभी विधायक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ विधानसभा पहुंचेंगे। इधर, सरकार ने उन्हें रोकने की तैयारी भी कर ली है, जिसके तहत विधानसभा से 5 किलोमीटर के दायरे में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और बैलगाड़ी आदि की एंट्री को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
अरुण यादव और सज्जन वर्मा ने देश के किसानों पर थोपे गए तीन काले कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ, किसान आंदोलन के समर्थन में आरोप लगाते हुए कहा कि चंद औद्योगिक घरानों के हाथ की कठपुतली बनी हुई केंद्र की भाजपा सरकार हर वह काम कर रही है, जिससे कि देश के किसान का ज्यादा से ज्यादा दमन हो और उद्योगपतियों की जेबें खूब भरें।35 से ज्यादा किसान आंदोलन में शहीद हो गए- सज्जन वर्मा ने कहा कि बगैर किसानों से चर्चा किए, बगैर किसान संगठनों को विश्वास में लिए, बगैर विपक्षी दलों से चर्चा किय, बगैर मत विभाजन के, कोरोना जैसी महामारी में संसद का सत्र बुलाकर आनन-फानन में इन कानूनों को किसानों पर जबर्दस्ती थोपा गया है। इन कानूनों का देश भर के किसान खुलकर विरोध कर रहे है।
पिछले एक माह से इन तीन काले कानूनों के खिलाफ पूरे देश के अन्नदाता कड़ाके की ठंड में, सड़कों पर, अपने परिवारों के साथ शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं, अभी तक 35 से ज्यादा किसान इस आंदोलन के दौरान शहीद हो चुके हैं लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता व हिटलरशाही दिखा रही है। वो इन कानूनों को वापस नहीं ले रही है। वो इसे किसानों का आंदोलन तक मानने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अब किसान इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे और कांग्रेस अपने स्थापना दिवस पर कमलनाथ के नेतृत्व में पुरजोर तरीके से इन काले कानूनों का विरोध करेगी एवं इस किसान विरोधी तानाशाह सरकार को किसानों के समर्थन में आवाज उठाते हुए मजबूर करेगी कि वह इन तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस ले एवं किसानों पर अत्याचार करना बंद करें। 28 दिसंबर को विधानसभा सत्र के पहले दिन कांग्रेस के सभी विधायक किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर-ट्रालियों से विधानसभा की ओर कूच करेंगे। बड़ी शर्म की बात है कि जो शिवराज सिंह जी खुद को किसान पुत्र बताते हैं, सच्चा किसान हितैषी बताते हैं, वह इन कानूनों का विरोध करने की बजाय, इसका खुलकर समर्थन कर रहे हैं।
अन्नदाता सड़कों पर, हठधर्मीं सरकार उनकी सुन नहीं रही
अरुण यादव ने कहा कि ऐसा देश में पहली बार हुआ है कि जब देश का अन्नदाता सड़कों पर है और सरकार उसकी सुनवाई तक करने को तैयार नहीं है। एक तरफ चर्चा की बात की जा रही है, वही दूसरी तरफ किसानों का दमन किया जा रहा है। इन कानूनों का हश्र भी नोटबंदी व गलत तरीके से थोपी गई जीएसटी की तरह ही होगा, जिसको लेकर भी कालेधन से लेकर, आतंकवाद खत्म व क्या-क्या झूठे सपने दिखाए गए थे।