रेलवे की आय घटी: इस साल स्टेशन में केवल झाड़ू से होगी सफाई
सतना | कोरोना काल में रेलवे की आय घटी तो खर्चो में भी कटौती शुरू हो गई है। श्ुारुआत सफाई व्यवस्था से की गई है। आधी रात से सफाई का नया ठेका सतना जंक्शन में लागू हो गया है। रेलवे ने इस साल कम बजट में ही सफाई व्यवस्था करवाने का निर्णय लिया है। इसके पहले जो टेंडर था उसमें फुल मैकेनाइज्ट क्लीनिंग थी लेकिन इस ठेके में सिर्फ झाडू-पोछे से काम होगा। स्टेशन में सफाई का नया ठेका गुरूवार -शुक्रवार की रात से लागू हो गया है।
रेलवे ने यह टेंडर प्रतिमाह लगभग 2 लाख 91 हजार का निकाला था। उल्लेखनीय है कि पिछला टेंडर जो चल रहा था उस पर साफाई व्यवस्था पर 9 लाख 4 हजार 751 रुपय प्रतिमाह खर्च होते थे। यह ठेका अक्टूबर 2016 में दिया गया था, टेंडर की अवधि तीन साल अक्टूबर 2019 तक थी लेकिन दूसरे टेंडर की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई और 9 माह तक इसकी बार-बार अवधि बढ़ा दी जाती थी।
6 माह इम्प्रेस से चला काम
बताया जाता है कि पुराना ठेका खत्म होने के बाद कोराना काल में कम ट्रेन और कम यात्रियों के आवागमन के चलते रेलवे ने सफाई की जिम्मेदारी खुद ही तय की है। 12 जुलाई से दिसंबर माह तक मंडल रेल प्रंबधन ने लगभग 11 हजार 980 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से खर्च कर सफाई व्यवस्था स्टेशन में दुरुस्त करवाई गंई है।
बजट-कर्मचारी कम कैसे होगी बेहतर सफाई
रेलवे अधिकारियों के अनुसार स्टेशन में सफाई का ठेका श्रीसांई फेसेलिटी अम्बाला की फर्म को मिला है। जिम्मेदारों को इस बात की चिंता है कि बजट व कर्मचारियों की संख्या कम है तो बेहतर सफाई कैसे हो सकती है? पुराने ठेके में 68 सफाई कर्मचारी व झाड़ू पोछा अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से होता था लेकिन नए ठेके में बजट एवं कर्मचारी कम हैं वहीं मशीनें नाममात्र की।