पर्ची काउंटर की लाइन में ही बीत जाता है ओपीडी का समय
रीवा। संजय गांधी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है। ओपीडी तक मरीज पहुंच ही नहीं पाते। पर्ची काउंटर की लंबी लाइन में ही समय बीत जाता है। काउंटर बढ़ाने पर अब तक कोई बढ़ा फैसला प्रबंधन नहीं ले पाया है। संजय गांधी अस्पताल में हर दिन करीब 1500 से 2 हजार मरीज पहुंचते हैं।
इन मरीजों में रीवा के अलावा सीधी, सतना और आसपास के अन्य जिलों के मरीज भी शामिल रहते हैं। इन्हें यहां पहुंचने में भी देर होती है और रही सही कसर संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी पर्ची काउंटर पूरी कर देती है। यहां मरीजों की इतनी लंबी लाइन लगती है कि मरीजों का इंतजार ही खत्म नहीं होता। सुबह 8 बजे से 1 बजे तक खुलने वाली ओपीडी मरीज के पहुंचने के पहले ही बंद हो जाती है। मरीजों को काउंटर से पर्ची कटाने के चक्कर में डॉक्टरों का परामर्श ही नहीं मिल पाता।
आए दिन इस समस्या से मरीजों को जूझना पड़ रहा है। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन काउंटर बढ़ाने पर काम नहीं कर रहा है। कहने को तो संजय गांधी अस्पताल में 9 काउंटर हैं, लेकिन इनमें से सभी एक साथ खुलते ही नहीं। अस्पताल के ओपीडी काउंटर में काम करने वाले कर्मचारी और आपरेटर भी मनमर्जी करते हैं। इसके धीमे काम के कारण मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती हैं।
आयुष्मान में भी लगती है भीड़
संजय गांधी अस्पताल में एक लाइन वाला काउंटर और बढ़ गया है। यह काउंटर आयुष्मान योजना का है। यहां भी मरीज और परिजनों की लंबी लाइन लग रही है। इन लाइनों को खत्म करने के लिए अस्पताल प्रबंधन कोई कदम नहीं उठा पा रहा है। अस्पताल में लग रही लाइन ने मरीजों की हालत खराब कर दी है।
आउट सोर्स में काम, फिर भी यह हालात
ओपीडी और आईपीडी काउंटर पर आउट सोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके बाद भी यहां व्यवस्थाएं नहीं है। सभी जगह लंबी लाइनों के कारण मरीजों को परेशानी होती है। गंभीर मरीजों को यहां भर्ती कराने लेकर आने वालों को पर्ची कटाने के लिए परेशान होना पड़ता है। ओपीडी पर्ची काउंटर में तो हालात और भी बुरे रहते हैं। यहां बीमार लोगों को भी घंटो इंतजार करना पड़ता है।
पहले 6 काउंटर थे। अब बढ़कर 9 हो गए हैं। फिलहाल काउंटर बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।
डॉ. यत्नेश त्रिपाठी, सीएमओ, संजय गांधी अस्पताल रीवा