फिर बिजली कंपनी ने मारा महंगाई का डंक, फिक्स चार्ज भी महंगा
सतना | पूर्वी क्षेत्र विद्युत कंपनी ने उपभोक्ताओं पर महंगाई का एक और चाबुक मारा है। जरा सा मुनाफा दिया और पीछे से हजारों रुपए की चोट पहुंचाने की योजना भी बना ली। इधर माफी की वसूली हर माह करने की स्कीम भी बना डाली,अबजो जो उपभोक्ता इसे समझ नहीं पाएगा , उसकी जेब ढीली होनी तय है । जानकारी के अनुसार कंपनी ने बिजली बिल में जुड़ कर आने वाले हर देय मीटर किराया को माफ कर दिया है। जबकि उपभोक्ता का मीटर जला तो कंपनी उससे उपकरण बदलने का पूरा पैसा वसूल लेगी जो उसके बिल में जुड़ कर आएगा। किराया माफ कर राहत का दिखावा तो कर दिया पर दूसरी ओर इस भरपाई के लिए फिक्स चार्ज में इजाफा किया गया है। लिहाजा यह कहना गलत नहीं होगा कि बिजली एक बार फिर दबे पांव महंगी हो चुकी है।
हर माह 10 से 25 रुपए की माफी
विद्युत कंपनी ने सभी तरह के उपभोक्ताओं को हर माह बिजली बिलों में राहत दी है। हालाकि ये राहत न के बराबर होगी, क्योकि मीटर किराया के नाम पर भले ही मासिक बिजली बिल में 10 से 25 रुपया कम कर दिया है पर फिक्स चार्ज में इजाफा भी कर दिया है। अब ये राहत न के बराबर इसलिए मानी जा रही है कि यदि मीटर जल गया तो उसको बदलने के लिए उपभोक्ता को 11 से 12 रुपए या इससे अधिक की राशि भी भुगतान करनी पड़ेगी। लिहाजा मीटर जला तो ये राहत भारी पड़ेगी।
विभाग का दावा, आय में करोड़ों का नुकसान
विद्युत कंपनी ने जहां मीटर किराया कम कर उपभोक्ताओं को 10 रुपया से 25 रुपया मासिक बिलों में कटौती कर राहत देने की बात कर रहीे हैं तो इधर ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं कि इस कटौती और मीटर किराया माफी से कंपनी हो हर साल तकरीबन सवा करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा। जबकि सूत्रों की माने तो फिक्स चार्ज से करोड़ो की आय होगी। इसके अलावा जले मीटर को बदलने के लिए भुगतान उपभोक्ता को देना है। इस मामले में कंपनी के डीजीएम कामर्शियल श्री बघेल से जानकारी चाही गई पर उनसे संपर्क नहीं हो सका।
बिजली मीटर खराब होने की स्थिति पर दो शर्त हैं, जिसमें यदि मीटर अपने आप खराब हो गया ,फेल हो गया या ओवर रीड करने लगा और तकनीकी समस्या है डिस्प्ले खराब हुआ तो ये कंपनी की कमी मानी जाएगी और मीटर बिना चार्ज के बदला जाएगा। जबकि यदि मीटर जल गया और उसकी सील टूटी मिली, मीटर किसी वजह से डैमेज होता है या चोरी हो जाता है तो ऐसी स्थिति में उपभोक्ता को मीटर का दाम बिजली कंपनी को देना होगा।
मीटर का किराया माफ किया जा रहा है जो हर माह लगता है। मीटर जलने पर उपभोक्ता से उसकी कीमत का भुगतान लिया जाएगा। मीटर में ओवर लोड हुआ तभी वह जलता है जो कंपनी की गलती नहीं है। डिस्प्ले न आए और ओवर रीड करें तकनीकी खराबी में पैसा नहीं लगेगा।
केके सोनवाने, अधीक्षण अभियंता