उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ कर रहे मिठाई बिक्रेता

सतना | सरकार भले ही मिलावट से मुक्ति का अभियान चलाकर मिलावट रहित खाद्य पदार्थ बिक्री होने का दावा कर रही है पर जमीनी हकीकत ये है कि उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं मिठाई बिक्रेता। डेयरी के घी में डालडा मिलता है तो लड्डू में ऐसा रंग पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और जानलेवा हो सकता है। पेड़ा में खोवा की जहग ऐसी मिलावटी सामग्री मिलती है जिसमें पांच लाख का जुर्माना है। ये खुलासे तब हुए जब खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने संबंधित प्रतिष्ठानों से सेंपल लिए और उनकी जांच कराई तो खाद्य पदार्थ अमानक और सेहत के लिए खतरनाक साबित हुए।

कहां क्या मिला अमानक
जानकारी में आया है कि बीते दिनों कलेक्ट सेंपलों की जांच रिपोर्ट आई तो चौंकाने वाली थी। सतना जिले के अमरपाटन के राजेश ताम्रकार की कृष्णा स्वीट्स के पेड़ा की जांच अमानक पाई गई। पेड़ा केवल अमानक नहीं था उसमे ऐसे मिलावट की गई कि तेल डालडा तक पेड़ा में मिलाया गया था क्योंकि दूसरा फैट मिला है जो खोवे का नहीं है। दूसरा मामला सतना के उतैली स्थित वृंदावन डेयरी का है जहां मिलावटी घी पाया गया है।

जांच में देसी के नाम पर डालडा डेयरी संचालक द्वारा बेंचा जा रहा था। घी अमानक तो है ही साथ ही ग्राहकों के साथ धोकाधड़ी करने का आरोप है। बिरसिंहपुर के केसरवानी बच्चा होटल में तो बिकने वाले लड्डू के बारे में जानकर तो जमीन खिसक जाए। यहां मगज के लड्डू में ऐसा कलर मिला हुआ पाया गया जो स्वास्थ्य के लिए धातक है। जो कलर अखाद्य है उसे खाद्य पदार्थों में मिलाकर कारोबार कर दूसरे की जान जोखिम में डाली जला रही है।

6 माह की सजा, पांच लाख का जुर्माना
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के कानून के तहत जिस तरह की मिलावट मिली है उसमें जनकार बताते हैं कि  6 माह की सजा और पांच लाख का जुर्माना का प्रावधान है। राजेश ताम्रकार के पेड़ा में जो अमानक है उसमें पांच लाख का जुर्माना हो सकता है तो उतैली वृंदावन डेयरी में मिले घी में मिलावट और धोखाधड़ी करने पर पांच लाख का जुर्माना किया जा सकता है। जबकि बिरसिंहपुर बच्चा केसरवानी होटल में अखाद्य रंग मिलाकर सेहत से खिलवाड़ करने पर 6 माह जेल व पांच लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है।