बागियों पर सख्ती, वापसी की राह आसान नहीं
भाजपा संगठन ने तय किया अनुशासन समिति करेगी फैसला
भोपाल। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े या पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में चले गए नेताओं की घर वापसी को लेकर भाजपा संगठन सख्त हो गया है। संगठन ने सदस्यता अभियान के दौरान जिन बागी नेताओं ने डिजिटली पार्टी की सदस्यता ली है, उनकी सदस्यता रद्द करने का फैसला लिया है। अनुशासन समिति के फैसले के बाद ही इन सदस्यों पर विचार किया जाएगा।
भाजपा का सदस्यता अभियान तहत डिजिटली सदस्य बनाने का अभियान अब समाप्त हो गया है। अब पार्टी आवेदन पत्र भरकर सदस्य बना रही है। इसके लिए सभी मंडल और जिला अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि यदि इन नेताओं ने डिजिटल सदस्यता ले ली है, तो उसे तुरंत निरस्त कर दिया जाए। सूत्रों के अनुसार, इनमें से कई नेताओं ने भाजपा की डिजिटल सदस्यता ले ली है और सक्रिय सदस्य बनने की कोशिश कर रहे हैं। संगठन ने स्पष्ट किया है कि यदि वे सदस्य बन चुके हैं, तो उन्हें बाहर कर दिया जाएगा। अनुशासन समिति ही यह तय करेगी कि किसे पार्टी में शामिल किया जाए।
गौरतलब है कि चाचौड़ा से पूर्व विधायक ममता मीणा, रसाल सिंह, नारायण त्रिपाठी, दीपक जोशी, गिरिजाशंकर शर्मा, वीरेंद्र रघुवंशी, केदार शुक्ला, रुस्तम सिंह, पूर्व सांसद बोध सिंह भगत, अवधेश नायक, राव यादवेंद्र सिंह और बैजनाथ यादव जैसे कई प्रमुख नेता शामिल हैं। वहीं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान के बेटे का नाम भी बागियों की सूची में है, जिन्होंने बुरहानपुर से भाजपा प्रत्याशी अर्चना चिटनीस के खिलाफ चुनाव लड़ा था। अब पार्टी ने यह तय कर लिया है कि ऐसे नेताओं को किसी भी सूरत में वापस नहीं लिया जाएगा।