विधायकों की कसावट , दो बार लगानी होगी हाजिरी
भोपाल। प्रदेश में कांग्रेस सड़क और सदन दोनों में सरकार को घेरने में कमजोर नजर आ रही है। इसे लेकर अब पार्टी हाईकमान िंचतित हुआ है। इसके चलते पार्टी ने अब विधायकों की कसावट करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत विधानसभा सत्र के दौरान विधायक को पूरे समय सदन में रहना होगा। साथ ही दो बार सुबह-शाम को हाजिरी भी लगानी होगी।
विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने भले ही परिवर्तन कर नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने का प्रयास किया और संगठन और सदन में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी युवा नेताओं को सौंपी, मगर उसकी अपेक्षा पर ये नेता खरे नजर नहीं आए। सड़क पर सरकार के खिलाफ कांग्रेस संगठन ने आंदोलन जरूर किए, मगर वे भी उस स्थिति में नजर नहीं आए जिससे सरकार घिरी हो। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर आंदोलन कर रहे हैं, मगर वे अब तक पार्टी के अलग-अलग गुटों में बंटे नेताओं को एकजुट नहीं कर सके हैं। यही स्थिति सदन में सत्र के दौरान दिखने को मिलती रही है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी अपने विधायकों को संगठित रखते हुए सरकार को घेरने में असफल ही नजर आए हैं। कई बार तो सदन में कांग्रेस के पूरे विधायक भी नजर नहीं आए, इसके चलते कांग्रेस हाईकमान तक शिकायत पहुंचने का सिलसिला ष्शुरू हुआ। अब कहीं जाकर हाईकमान ने विधायकों को संगठित रखने की पहल के तहत कसावट लाने की कोशिश की है। बताया जाता है कि हाईकमान की ओर से प्रदेश संगठन और नेता प्रतिपक्ष को संकेत दिए गए हैं कि इस बात का ख्याल रखा जाए कि सत्र के दौरान कांग्रेस के सभी विधायक पूरे समय सदन में रहे। इसके चलते यह तय किया गया कि विधायकों को सुबह और शाम को अपनी हाजिरी लगानी होगी।
गौरतलब है कि इस बार सदन में कई वरिष्ठ विधायक नहीं पहुंचे हैं। उन्हें विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पडा है। इसके चलते जो विधायक हैं, वे सरकार को मुद्दों को लेकर घेरने के बजाय सदन से अनुपस्थित रहने में ज्यादा रुचि रखते नजर आए हैं। वहीं जो वरिष्ठ विधायक है, वे सदन में उपस्थित नहीं रह रहे हैं। यह कांग्रेस के लिए अब चिंता का कारण बना है।