पृथक विन्ध्य प्रदेश: सरकार ने अपने ही विधायक को नहीं दी अनुमति
सतना | बीटीआई ग्राउंड में विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर 25 मार्च को आयोजित होने वाली सभा सरकार द्वारा अनुमति न दिए जाने से स्थगित कर दी गई है। इसकी जानकारी बुधवार को ‘हमारा विंध्य हमें लौटा दो’ मुहिम में जुटी टीम ने एक पत्रकार वार्ता में दिए। प्रेस वार्ता में अभियान की अगुवाई कर रहे मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि सरकार कोरोना को अस्त्र के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। उन्होने सवाल उठाया कि जहां चुनाव हैं वहां रोड शे हो रहे हैं, सभाएं हो रही हैं लेकिन जहां जनहित को लेकर आंदोलन हो रहे हैं वहां कोविड संक्रमण बताकर आयोजनों की अनुमति नहीं दी जाती है। बहरहाल अनुमति न मिलने पर सभा का आयोजन रद्द कर दिया गया है। मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने बताया कि अब 200 बाइकों की रैली निकालकर प्रतीकात्मक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा हर तहसील में दो-दो सौ की संख्या में स्थानीय निवासी विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
बाणसागर का पानी बिहार में, नर्मदा जल स्लीमनाबाद में रूका
विंध्य प्रदेश के साथ हो रहे सौतेले बर्ताव का जिक्र करते हुए नारायण त्रिपाठी ने कहा कि विंध्य क्षेत्र की यह उपेक्षा ही है कि बाणसागर का पानी बिहार और उप्र की प्यास तो बुझा रहा है जबकि विंध्य का एक बड़ा क्षेत्र जलसंकट ग्रस्त है। नर्मदा जल भी स्लीमनाबाद की टनल में फंसा हुआ है। यदि विंध्य प्रदेश होता तो सबसे पहले बाणसागर का पानी विंध्य के समूचे क्षेत्र को पानीदार बनाता। विधानसभा में प्रश्न उठाया तो 2008 में कहा गया कि 2014 में पानी आ जाएगा लेकिन अभी भी कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही है।
अभी गांधीगिरी फिर होगा उग्र आंदोलन
प्रेस वार्ता में मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि सरकार के पास 2023 तक का समय है । तब तक विंध्य प्रदेश की मांग के लिए गांधीवादी तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा लेकिन यदि विंध्यवासियों की भावनाओं को सम्मान न मिला तो पृथक विंध्यप्रदेश की मांग के लिए उग्र आंदोलन किया जाएगा। खनिज व प्राकृतिक संसाधनो के अलावा भूं सपंदाओं व औद्योगिक गतिविधियों के जरिए प्रदेश के लिए तकरीबन 30 फीसदी राजस्व जुटाने वाले विंध्य का विकास हो, शिक्षा, स्वास्थ्य और चिकित्सा की उत्कृष्ट सेवाएं हो, इसके लिए विंध्य प्रदेश का गठन आवश्यक है। इसके लिए न तो मैं सोऊंगा और न ही जिम्मेदारों को सोने दूंगा।
उन्होने कहा कि मै सरकार का विरोध नहीं कर रहा बल्कि विंध्यवासियों की भावनाओं के अनुरूप काम करने का प्रयास कर रहा हूं जिसके लिए मुझे किसी पार्टी पदाधिकारी ने नही रोका है। यदि विंध्यवासियों की इच्छा है तो विंध्य प्रदेश की आवाज क्यों नहीं उठाना चाहिए। उन्होने कहा कि विंध्य के कई जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि विंध्य प्रदेश बने लेकिन वे आशंका से चुप हैं कि कहीं विंध्य की भावनाओं को उजागर करने पर उन्हें बागी न समझ लिया जाय।
खुफिया रिपोर्ट से प्रशासन सतर्क
विन्ध्यप्रदेश के पुनर्गठन की मांग को लेकर जन आंदोलन खड़ा करने की तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचने वाली सरकारी खुफिया रिपोर्ट ने सरकार को सतर्क कर दिया है। रिपोर्ट में इकलौते मैहर विधानसभा क्षेत्र से 10 हजार टूव्हीलर एवं फोर व्हीलर के साथ ही अमरपाटन से 3 हजार, रामपुर बाघेलान, सतना, चित्रकूट से करीब 10 हजार वाहनों के अलावा संभाग स्तरीय विन्ध्य पुनरोदय कमेटी की 25 हजार वाहन रैली के बीच भारी संख्या में लोगों के एकत्र होने का जिक्र किया गया था, जिसके बाद सरकार सतर्क हो गई और आयोजन की अनुमति नहीं मिली। इससे यह बात स्पष्ट है कि अपना पृथक राज्य बनाना आसान नहीं है इसके लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ेगा। बी.टी.आई. ग्राउण्ड में सभा की सारी तैयारी हो चुकी थी। पंडाल खड़ा है, गॉव और कस्बाई क्षेत्र से आने वाले लोग वाहन और काफिले की तैयारी कर चुके है। आयोजक समिति को कोविड संक्रमण के मद्देनजर नहीं दी गई अनुमति के पीछे भी एक सरकारी षड़यंत्र नजर आ रहा है।