दुआरी में सड़क और शासन की जमीन पर कब्जा

रीवा | लोकायुक्त के हाथों ग्राम पंचायत दुआरी के घूस लेते पकड़े जाने के बाद पंचायत में नई बहस शुरू हो गई है। पंचायत की शासकीय जमीन और रेलवे को जोड़ने वाली सड़क में कब्जा करने की होड़ लगी है। चाहे सुलभ शौचालय का मामला हो, जिसे हटवाने की एवज में सरपंच ने घूंस ली अथवा सड़क के चौराहे के आसपास की जमीन हो जहां तहां निर्माण हो गया। सरकारी विभाग ने भी मनमानी कर नहर की दशकों पुरानी जमीन को सड़क में तब्दील कर दिया। यही नहीं पंचायत की सड़क मार्ग की ढाई एकड़ जमीन में आबादी काट दी गई। जिसमें कई परिवारों ने कब्जा कर लिया। यही नहीं महिला एवं बाल विकास विभाग ने उसी जमीन पर एक भवन भी बना डाला। 

औचित्यहीन नहर पर बन गई सड़क
मैदानी से रेलवे मोड़ को जोड़ने के लिए दुआरी ग्राम पंचायत के बीचों बीच से सड़क निकाली गई है। बताया जाता है कि सन 62 में सड़क जिस जमीन पर बनी है उस पर नहर बनाई गई थी। लेकिन इसका इस्तेमाल कभी नहीं हुआ। नहर में कभी पानी नहीं दिया गया जिससे किसान सिंचाई कर सके। जल संसाधन विभाग की इस जमीन पर जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री सड़क बनाकर रेलवे स्टेशन मार्ग को जोड़ दिया है।

इस संबंध में पटवारी हल्का दुआरी इंद्रशरण द्विवेदी का कहना है कि यह बात सही है कि 1962 में नहर बनी थी लेकिन उसका उपयोग नहीं हुआ। उक्त जमीन अनुपयोगी बन गई थी जिस पर अब सड़क बना दी गई है। पटवारी श्री द्विवेदी के अनुसार जिस सुलभ शौचालय को हटाने के लिए प्रस्ताव बनाने सरपंच दुआरी को लोकायुक्त ने रंगे हाथ पैसे लेते पकड़े हैं वह शौचालय भी शासकीय जमीन में ही बना है। उसके पीछे कुछ जमीन अन्य लोगों ने भी दबा ली है। 

लग गए ईंट के भट्ठे
सूत्रों के अनुसार दुआरी पंचायत में धिरमा नाला के पास ईट के भट्ठे भी लग गए है। आरोप है कि वे भट्ठे शासकीय जमीन पर संचालित है। धीरे-धीरे धिरमा नाला और आसपास की शासकीय जमीन पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।