अब 30 अप्रैल तक मौजूदा गाइड लाइन पर ही होंगी रजिस्ट्रियां
भोपाल | यह खबर प्रापटी खरीदने वालों के लिए प्रसन्नता का विषय बन सकती है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखकर सरकार ने 30 अप्रैल तक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री मौजूदा कलेक्टर गाइडलाइन से करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रजिस्ट्री कराने में जल्दबाजी न की जाए। दरअसल, वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। इसके बाद 1 अप्रैल से नई कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से रजिस्ट्रियां होंगी। इसके चलते मार्च के अंतिम सप्ताह में रजिस्ट्रेशन दफ्तरों में भीड़ होती है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि आम दिनों की तुलना में मार्च माह में रजिस्ट्रियां ज्यादा होती हैं। भोपाल की बात करें तो हर रोज करीब 150 रजिस्ट्री होती हैं, लेकिन शुक्रवार को यह आंकड़ा 446 पहुंच गया। ऐसे में 27 और 31 मार्च को यह आंकड़ा एक हजार से भी ज्यादा होने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने प्रचलित कलेक्टर गाइड लाइन को एक माह के लिए बढ़ा दिया है, ताकि इन दफ्तरों में भीड़ ना हो।
5 से 20 फीसदी तक दरें बढ़ाने की है तैयारी
कलेक्टर गाइड लाइन लगभग हर जिले में 5 से 20 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी है। ऐसे में लोग 31 मार्च से पहले रजिस्ट्री कराना चाहते हैं। यही वजह है कि रजिस्ट्रेशन दफ्तरों में भीड़ हो रही है। इसे ध्यान में रखकर ही प्रचलित गाइडलाइन से रजिस्ट्री कराने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 अप्रैल की गई है।
सरकार के खजाने में टारगेट से 400 करोड़ ज्यादा आ चुके
वाणिज्यिककर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में पॉपर्टी की रजिस्ट्रियों से राजस्व आय का टारगेट 5600 करोड़ रुपए रखा था, लेकिन अब तक सरकार के खजाने में 6 हजार करोड़ रुपए आ चुके हैं। जबकि सरकार ने दिसंबर 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते 2फीसदी की छूट दी थी।
भोपाल में 7 साल से नहीं बदली हैं दरें
भोपाल में पिछले 7 साल से कलेक्टर गाइडलाइन की दरें नहीं बढ़ाई गई हैं, लेकिन अगले वित्तीय वर्ष में 5 से 20% तक वृद्धि करने की तैयारी है। इसके लिए भोपाल के लिए 2800 लोकेशन चिन्हित कर ली गई हैं,जहां कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ाया जाना है। हालांकि भोपाल के विधायक रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर और पीसी शर्मा ने इसका विरोध किया है।