कोरोना महामारी से लडऩे वाले 19 आयुष डॉक्टरों को समय से पहले हटाया
इंदौर | कोरोना की महामारी से लड़ने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के जरिए पूरे मध्यप्रदेश में कई आयुष डॉक्टरों को मौका दिया गया था। हर जिले में ऐसे डॉक्टरों को अनुबंध के आधार पर भर्ती किया गया था। प्रदेश के विभिन्न जिलों में यह डॉक्टर अब भी काम कर रहे हैं, लेकिन इंदौर जिले में काम करने वाले 19 आयुष डॉक्टरों को हटा दिया गया है।
इन डॉक्टरों का कहना है कि जब अन्य जिलों में आयुष डॉक्टरों का 31 जनवरी तक कार्यकाल बढ़ाया गया है तो हमें बीच में ही क्यों हटा दिया गया है। अन्य जिलों में आयुष डॉक्टरों का एनएचएम में विलय किया गया है, उसी तरह हमारा भी एनएचएम में विलय कर दिया जाए। प्रभावित आयुष डॉक्टरों ने कलेक्टर मनीषसिंह से लेकर एनएचएम के प्रदेश मुख्यालय के अधिकारियों तक अपनी बात रखी है। आयुष डॉ. संतोष धनगर आदि का कहना है कि कोरोना के समय जब कोई काम नहीं करना चाहता था।
ऐसे समय सरकार को हमारी जरूरत थी, हमने अपनी सेवाएं दी। जब कोरोना पीक पर था, तब शासन की ओर से इंदौर में तीन महीने के अनुबंध पर 800 डॉक्टरों की भर्ती निकाली गई थी। इसके लिए दो हजार आवेदन आए, लेकिन 30 डॉक्टरों का ही चयन किया गया। इसमें से भी 19 डॉक्टरों ने ही ज्वॉइन किया। ऐसे विपरीत समय में हमने काम किया।
आयुष डॉक्टरों ने कहा तीन माह के लिए रखा था
डॉ. अबरार, डॉ. निकहत आदि के मुताबिक, अनुबंध के आधार पर हमें 14 अगस्त से तीन महीने के लिए रखा गया था। इसके बाद एक-एक महीने के लिए दो बार हमारी सेवाओं का एक्सटेंशन किया गया था। फिलहाल हमें 31 जनवरी तक काम करना था। हम अपना काम कर ही रहे थे, लेकिन एक जनवरी को हमारी सेवा समाप्त करने का पत्र आ गया। प्रशासन ने प्रभावित आयुष डॉक्टरों का मामला जिला पंचायत सीईओ हिमांशुचंद्र को सौंपा है। इस बीच प्रभावित डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल एनएचएम के भोपाल मुख्यालय भी अधिकारियों से मिला। वहां से कहा गया है कि यदि जिला प्रशासन प्रस्ताव बनाकर भेज देगा तो आपके प्रकरण पर विचार किया जा सकता है।