सीवर के कार्य में लापरवाही: तीन वर्ष मेें पूर्ण होना था प्रोजेक्ट, 51 माह बाद भी महज 19 फीसदी हुआ कार्य
सतना | 206 करोड़ के सीवर प्रोजेक्ट के काम में लगी संविदा एजेंसी केके स्पन का टेंडर अंतत: निरस्त कर दिया गया है और कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड किए जाने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। अब बड़ा सवाल यह है कि शहर में जगह- जगह पर सीवर लाइन डालने के नाम पर किए गए गड्ढों को भरेगा कौन ? शहर के ड्रेनेज सिस्टम को व्यवस्थित करने के नाम पर करोड़ों रुपए अब तक फूंके जा चुके हैं।
ड्रेनेट सिस्टम को व्यवस्थित करने के लिए दिसम्बर 2016 में जब कार्यादेश जारी हुए थे उस समय इस कार्य को अगले 36 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन आज 51 महीनों से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन जहां तक कार्य की बात है तो वह महज 19 फीसदी ही अब तक हो सका है। सीवर लाइन के कार्य में वैसे तो शुरू से ही लापरवाही बरती जा रही है लेकिन पिछले 6 माह में तो हद ही हो गई है न तो कार्य में प्रगति है और न ही गुणवत्ता जिसे देखते हुए संविदा एजेंसी को तीन बार नोटिस देकर उसका टेंडर निरस्त करने के साथ ही एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी चल रही है।
1 माह में डाली 3860 मीटर लाइन, 15 दिनों में मात्र 1060
सीवर के काम में बरती जा रही लापरवाही व गुणवत्ता विहीन कार्यो की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने स्वयं 16 जनवरी 2021 को सीवर के कार्यों की समीक्षा की गई थी जिसमें कार्य की प्रगति और कार्य में सुधार के लिए एक माह का समय दिया गया था, इस दौरान सीवर लाईन बिछाने का काम 3860 मीटर ,मैन होल 121,हाऊस सर्विस चेम्बर 115 बनाए गए लेकिन हाऊस सर्विस कनेक्शन एक भी नहीं बना। सीसी रोड रिस्टोरेशन का कार्य 1778 मीटर किया गया एसटीपी जोन-1 का निर्माण 1 प्रतिशत और एसटीपी जोन-3 का निर्माण 1 प्रतिशत किया गया।
इस दौरान बिछाई गई सीवर लाइन के टेस्टिंग, मैनहोल एवं हाऊस सर्विस चेम्बर के सुधार कार्य तो हुआ ही नहीं। इस दौरान कार्य संतोषजनक नहीं पाए जाने पर 15 दिनों का और समय दिया गया, उस दौरान तो और भी प्रगति नहीं हुई। इस दौरान सीवर लाईन बिछाने का कार्य 1060 मीटर,मैन होल सिर्फ18 और हाऊस सर्विस चेम्बर 17 बने। हाऊस सर्विस कनेक्शन एक भी नहीं बनाए गए जबकि सीसी रोड रिस्टोरेशन का कार्य महज 680 मीटर हुआ। एसटीपी जोन -1 निर्माण 0.02 प्रतिशत और एसटीपी जोन -3 निर्माण 0.01 प्रतिशत हुआ। जबकि बिछाई गई सीवर लाइन की टेस्टिंग, मैनहोल एवं हाऊस सर्विस चेम्बर के सुधार कार्य नहीं हुआ।
6 माह में महज 12 फीसदी काम
अनुबंध निरस्तगी लंबित रखते हुए के.के. स्पन को अगले 6 माह का समय कार्य करने के लिए दिया गया था, लेकिन इस अवधि में न तो कार्य में प्रगति आई और न ही गुणवत्ता में कोई सुधार हुआ। इस दौरान महज 11.64 फीसदी कार्य सीवर लाइन डालने का हो सका है। यही वजह रही कि एक साल के अंदर दूसरी बार अनुबंध निरस्त करने की कार्रवाई की गई।
किसी ने नहीं निभाई जिम्मेदारी
सीवर लाइन डालने के काम में शुरू से ही लापरवाही बरती गई है। चाहे वे नगर निगम के इंजीनियर हों या फिर पीडीएमसी के जिम्मेदार किसी ने भी अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहंीं निभाई हमेशा ही ठेका एजेंसी की नाकामियों पर पर्दा डालने का काम किया गया, जिसका खामियाजा आज शहर भोग रहा है। स्थिति यह है कि शासन के करोड़ों रुपए बर्बाद हो चुके हैं और शहर चारों तरफ खना- खुदा पड़ा है। शहर में 495 किमी सीवर लाइन डालनी थी लेकिन अभी तक महज 109 किमी ही लाइन पड़ी है।
कार्य में लापरवाही बरतने और गुणवत्ताविहीन कार्य के चलते केके स्पन का टेंडर निरस्त किया गया है। आगे कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी चल रही है। शहर में सीवर का काम अन्य एजेंसी के माध्यम से जल्द से जल्द पूरा कराने का प्रयास होगा।
तन्वी हुड्डा, आयुक्त नगर निगम