दुकानों के बोर्ड में ढूंढ़ते रह जाओगे जीएसटी नंबर

सतना। व्यापारी अपनी दुकान के बाहर लगने वाले बोर्ड को आकर्षक बनाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाने से भी नहीं चूक रहे हैं। गौरतलब है कि  जीएसटी लगने के बाद सभी बोर्डों में यह व्यवस्था करना प्रतिष्ठान संचालक का दायित्व है लेकिन जीएसटी व्यवस्था लागू होने के साढ़े तीन साल बाद भी दुकानदार जीएसटी नंबर का उल्लेख बोर्ड में करने से कतरा रहे हैं। शहर में सैकड़ों प्रतिष्ठान हैं जिनमें दुकान का नाम तो बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा गया है पर वे उसमें न तो जीएसटी नंबर का उल्लेख है और न ही फर्म का नाम।

कई दुकानों के बोर्ड पर फर्म का नाम और दुकानदार का मोबाइल नंबर भी है पर जीएसटी नंबर का उल्लेख नही है।  जीएसटी नंबर न होने से उपभोक्ता को जानकारी नहीं होती कि उससे जीएसटी के नाम पर जो वसूली हो रही है वह जायज है या नहीं। यदि अधिकारी कार्रवाई करें तो इससे नियमों का पालन तो होगा ही साथ ही सरकार के खजाने में भी कुछ राशि आने लगेगी। उल्लेखनीय है  कि जीएसटी नंबर न होने की दशा में दुकानदार पर 25 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान  है।

कई बार योजना बनी, कार्रवाई नहीं
इस संबंध में विभागीय सूत्रों से पता चला है कि साढ़े तीन सालों में कई बार बोर्ड पर जीएसटी नंबर न डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश आए। स्थानीय स्तर पर इसके लिये अभियान चलाने की योजना भी बनी पर एक बार भी इसको लेकर अधिकारी सड़क पर नहीं उतरे। 

3 हजार रजिस्टर्ड व्यवसायी
जीएसटी के नियमों का पालन सतना सहित पूरे राज्य में नहीं हो रहा है। जीएसटी लागू होने के साथ ही रजिस्टर्ड सभी व्यापारियों को दुकान के बोर्ड पर जीएसटी नंबर डिसप्ले करना अनिवार्य किया गया था। बोर्ड में यदि डीलर ने कम्पोजीशन स्कीम ले रखी है तो इसका भी उल्लेख करना था। इसके अलावा बोर्ड पर दुकान के नाम के अलावा फर्म का नाम तथा संम्पर्क नंबर भी होना चाहिए।  यहां तक कि जो नए  प्रतिष्ठान खुले हैं या बोर्ड बदले गए वहां से भी यह जानकारी गायब है।

विभागीय सूत्रों की माने तो बोर्ड में ऊपर वर्णित जानकारी ही नहीं दुकान के बाहर वहां बिकने वाली सामग्री पर लगने वाले टैक्स रेट की सूची भी लगानी है। यही नहीं ग्राहकों को देने वाले बिल में उन्हें यह लिखना अनिवार्य है कि हम टैक्स लेने के लिए अधिकृत नहीं हैं।  सतना जिले के दो सर्किल कार्यालयों में 6 हजार के करीब रजिस्टर्ड व्यापारी हैं इनमें 3 हजार से अधिक सतना शहर में कारोबार करते हैं। यह अलग बात है कि अभी भी 80 से 90 फीसदी दुकानों के बोर्ड इस तरह की जानकारी से अछूते हैं। 

इसलिए जरूरी है डिस्प्ले

  • इससे पंजीकृत और अपंजीकृत व्यापारियों की पहचान आसान होगी।
  • कर अधिकारियों को भी कर वसूली में सुविधा मिलेगी।
  • पता चलेगा कि दुकानदार रजिस्टर्ड व्यापारी से माल ले रहे हैं या नहीं। क्योंकि अनरजिस्टर्ड व्यापारियों से माल लेने पर रिवर्स चार्ज में टैक्स जमा करना होगा।

जीएसटी पंजीयन में रजिस्टर्ड कारोबारियों को दुकान, फैक्ट्री, दफ्तर के बाहर ग्लोसाइन बोर्ड वगैरह पर जीएसटी पंजीयन नंबर लिखना अनिवार्य बताया गया है। समय-समय पर सर्किल स्तर पर निरीक्षण होते हैं। जिन व्यापारियों ने नंबर नहीं लिखा वे लिखवा लें क्योंकि ऐसा न होने पर 25 हजार तक जुर्माना लग सकता है।  
राममिलन साहू, संयुक्त आयुक्त राज्यकर।