प्रदूषित नदियों की दशा नहीं सुधरने से सरकार नाराज
भोपाल। प्रदेश की सर्वाधिक प्रदूषित 22 नदियों के पुनरोद्धार में संबधित विभागों के अफसरों द्वारा रुचि नहीं लेने की वजह से सरकार नाराज है। अफसरों की अरुचि के चलते ही अब तक यह काम तेजी नहीं पकड़ सका है। यही वजह है कि अब तक महज प्रदेश में इन नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नदियों के पास तैयार किए जाने वाले 16 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स में से एक पर ही तेजी से काम शुरू हो पाया है।
अफसरों की इस काम में अरुचि इससे ही समझी जा सकती है कि हाल ही में जब नदी पुनरोद्धार समिति बैठक हुई तो संबंधित विभागों के अधिकारी योजना के फोल्डर लाए बगैर ही बैठक में शामिल होने पहुंच गए थे। इतना ही नहीं जल संसाधन, उद्योग वन एवं नगरीय प्रशासन विभाग ने तो अब तक इन नदी क्षेत्रों के लिए नोडल अफसर ही नियुक्त नहीं किए।
गौरतलब है कि एनजीटी ने माना था कि मध्यप्रदेश में 22 नदियां प्रदूषित है। एनजीटी के निर्देश पर राज्य सरकार ने इन नदियों के पुनरोद्धार का एक्शन प्लान बनाकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजा था। इधर, सरकार ने इस एक्शन प्लान का काम करना शुरू कर दिया है। पर देखने में आया है कि संबधित विभाग योजना में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। बैठक में योजना की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए गए हैं कि वे योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाएं । जल संसाधन विभाग को फ्लड प्लेन जोन के डिमार्केशन सात दिन के भीतर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
यहां बनने हैं प्लांट
इंदौर, उज्जैन, नागदा, भोपाल, मंडीदीप, विदिशा, खरगौन, बुरहानपुर, कटनी, रीवा, चित्रकूट, शुजालपुर, बड़गर, ब्यावरा, सीधी, और शहडोल में ये प्लांट बनाए जाने हैं। इसका निर्माण नगरीय विकास विभाग द्वारा किया जाना है। लेकिन देखने में आया है कि इसमें भी देरी हो रही है। हालांकि भोपाल की कलियासोत नदी के जलग्रहण क्षेत्र में स्थित एसटीपी का निर्माण प्रगति पर है।
यह दिए गए आदेश
- जल संसाधन, उद्योग, वन एवं नगरीय प्रशासन विभाग इन नदी क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें।
- नगरीय निकायों से उत्पन्न होने वाले दूषित जल के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण निर्धारित अवधि में पूरा करें।
- 22 प्रदूषित नदी क्षेत्रों में फ्लड प्लेट जोन के डिमार्केशन के लिए एक माह में नोटिफिकेशन जारी करें।
- केंद्रीय भूतल बोर्ड द्वारा किए जा रहे भूजल मानीटरिंग के लोकेशन के नाम एवं गूगल मेप पर अंकित करें।
- खान, चंंबल, क्षिप्रा, बेतवा, कलियासोत, सोन, गोहद डेम, चौपन नदी, पार्वती, कन्हान, बिछिया, मंदाकिनी आदि प्रदूषित नदियां।