कम टर्न-ओवर बताने वाले कारोबारियों पर जीएसटी का शिकंजा

सतना। सरकार की ढिलाई से रिटर्न में कम टर्नओवर दिखाने वाले कारोबारियों पर राज्यकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शहर में शुरूआत रेडीमेड गार्मेंट शोरूम से हुई है। शास्त्री चौक के पास स्थित अनमोल कलेक्शन नामक शोरूम में गुरुवार दोपहर राज्यकर विभाग के एन्टी इवेजन ब्यूरो टीम ने सर्वे की कार्रवाई की। इस दौरान व्यापारी द्वारा स्टाक रजिस्टर तथा भौतिक स्टाक के अंतर को स्वीकर करते हुए एक लाख 40 हजार रुपये जीएसटी राजस्व में जमा कराए हैं। 

मौके पर मिला अधिक स्टॉक
बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर एन्टी इवेजन ब्यूरो प्रमुख संयुक्त आयुक्त केएन मीणा के निर्देश पर ब्यूरो के राज्यकर अधिकारी सुरेश साकेत की अगुआई में राज्यकर अधिकारी नवीन दुवे, राज्यकर निरीक्षक मृत्युंजय तिवारी, हेमंत रावते द्वारा अनमोल कलेक्शन में सर्वे की कार्रवाई शुरू की गई।

विभाग बना रहा सूची - प्रतिष्ठान में रेडीमेड कपड़ों के साथ ही ऊलन, जींस, स्वैटर तथा जैकेट आदि का कारोबार है जिसकी खरीदी प्रदेश के अंदर इंदौर के अलावा प्रदेश के बाहर दिल्ली से खरीदी की जाती थी। जीएसटी की धारा 67.1 के तहत शाम तक चली इस कार्रवाई में मौके पर मिले स्टाक व दस्तावेजों के स्टाक में अंतर पाया गया। इस दौरान संस्थान के संचालक संतोष गाजरानी ने जीएसटी रिटर्न में कम कर देने की बात स्वीकार करते हुए मौके पर ही एक लाख 40 हजार रुपये जमा कराए।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि राज्यकर विभाग का एन्टी इवेजन ब्यूरो दीपावली के बाद से ही शहर के बड़े कारोबारियों द्वारा जमा की जा रही खरीदी बिक्री की विवरणी पर नजर रख रहा है। इस दौरान उन कारोबारियों की सूची भी बनाई जा रही है जिनके यहां लाखों का कारोबार होने के बाद भी जीएसटीआर-थ्रीबी में कम रिटर्न दिखाकर कर चोरी की जा रही है। बताया गया है कि जहां गुरुवार को कार्रवाई हुई वहां इस दौरान कम गड़बड़ी मिली है। यदि यही कार्रवाई एक या डेढ़ माह पहले की जाती तो स्टाक में भारी अंतर पाया जाता। सूत्रों का मानना है कि ब्यूरो के निशाने पर बाजार के करीब एक दर्जन बड़े कारोबारी हैं और आने वाले दिनों में इनके यहां छापा अथवा सर्वे की कार्रवाई हो सकती है।