ऊर्जा उत्पादक बनने का अवसर दिया जाएगा किसानों को

ऊर्जा उत्पादक बनने का अवसर दिया जाएगा किसानों को

भोपाल। मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में किसानों को भी ऊर्जा उत्पादक बनने का अवसर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री कुसुम-‘अ’ एवं कुसुम-‘स’ के माध्यम से हम अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने का कार्य भी पूर्ण तत्परता से कर रहे हैं।
शुक्ला ने बताया कि कुसुम-‘अ’ के तहत 2 मेगावॉट तक की परियोजनाएं किसानों द्वारा अपनी जमीन पर लगायी जा सकती हैं। परियोजनाएँ चिन्हित सब-स्टेशन के 5 किलोमीटर की परिधि में की जा सकती हैं। किसान अपनी भूमि को कुसुम-‘अ’ परियोजनाओं के लिये विकास को लीज पर भी दे सकते हैं। परियोजना से उत्पादित बिजली का क्रय पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी द्वारा 3.25 रुपये प्रति यूनिट दर से किया जा रहा है। कृषकों द्वारा कुसुम-‘अ’ के अंतर्गत अभी तक 30 मेगावॉट क्षमता के सौर संयंत्रों की स्थापना की जा चुकी है, लगभग 600 मेगावॉट की परियोजनाओं का चयन किया जा चुका है एवं एक हजार मेगावॉट की अतिरिक्त परियोजनाएँ लक्षित हैं। उन्होंने बताया कि कुसुम-‘स’ परियोजनाएँ कृषि के लिये दिन में बिजली प्रदाय के लिये उपयोगी है। कुसुम-‘स’ योजना के अंतर्गत 529 मेगावॉट की परियोजनाओं का चयन किया जा चुका है एवं कुल 3 हजार मेगावॉट की परियोजनाएँ लक्षित हैं।
नवकरणीय उर्जा का अंश बढ़कर हुआ 21 फीसदी
शुक्ला ने बताया कि पिछले 12 वर्षों में राज्य की कुल नवकरणीय ऊर्जा स्रोतों से स्थापित क्षमता बढ़कर लगभग 7 हजार मेगावॉट हो गयी है। इस प्रकार राज्य की कुल ऊर्जा क्षमता में नवकरणीय ऊर्जा का अंश बढ़कर लगभग 21 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में नवकरणीय ऊर्जा से संयंत्रों की स्थापित क्षमता को 20 हजार मेगावॉट तक बढ़ाएंगे।