दिव्य विचार: खर्च करें सोच समझकर- मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज
मुनि श्री प्रमाण सागर जी कहते हैं कि वचनों का सीमित इस्तेमाल करो, यह तुम्हारी ताकत है लेकिन यदि तुमने इसका गलत इस्तेमाल करना शुरु कर दिया तो यही तुम्हारी कमजोरी भी बन जाएगी। सन्त कहते हैं- महान वे होते हैं, जो अपनी कमजोरी को ताकत बना देते हैं। वे लोग जीवन में कभी सफल नहीं होते, जो अपनी ताकत को भी कमजोरी बना देते हैं। वाक्शक्ति का सदुपयोग करना सीखिए, फालतू बातें नहीं, आपत्तिजनक बातें मत करिए, अश्लील बातें मत करिए, अपमानजनक बातें मत करिए। कई बार लोग शुरु हो जाते हैं तो पता नहीं क्या- क्या होता है। एक दूसरे के साथ आप लोगों की जितनी भी बातचीत होती है और जो सोशल मीडिया के माध्यम से आप लोगों की चेटिंग होती है, वह काम की होती है या फालतू की होती है? बता दीजिए। सब फालतू की नहीं लेकिन ज्यादातर फालतू की ही होती है। अपना काम कीजिए, फालतू में अपना समय क्यों लगाते हैं? समय फालतू नहीं है, समय बहुत कीमती है। काश! उसकी कीमत को समझते तो अपने जीवन की यह दुर्दशा कभी नहीं होने देते। अपने जीवन को अच्छा बनाने के लिए फालतू बातों से बचें। नम्बर तीन- फालतू खर्चे से बचें, जिसको बोलते हैं- फिजूल खर्च। कई लोग हैं, जिनकी एक रुपए की कमाई है और दो रुपए खर्च करते हैं। रुपए का काम है सवा रुपया में करने की कोशिश करते हैं। यह गलत प्रवृत्ति है, इससे बचना चाहिए। आजकल ऐसा बहुत तेजी से हो रहा है। फालतू खर्च को लोग बढ़ावा देने लगे हैं, इससे घर की व्यवस्थाएँ बिगड़ रही हैं, बजट खराब हो रहा है। इससे अनावश्यक तनाव का शिकार होना पड़ रहा है। आप देखिए- जितना आवश्यक है, अपेक्षित है, जहाँ आवश्यक है, अपेक्षित है, वहाँ आप खर्च कीजिए, अनावश्यक खर्च मत कीजिए। दुनिया में महान लोग वे ही होते हैं, जो फालतू खर्च से बचते हैं।