गहराया जल संकट, सौ नल-जल और तीन हजार हैण्डपम्प बंद पड़े
रीवा | जिले के नौ में से तीन ब्लॉकों के ड्राई बेल्ट में जलसंकट गहराने लगा है। जिन ब्लॉकों में जल स्तर तेजी से नीचे गया है, उनमें गंगेव, सिरमौर और रायपुर कर्चुलियान हैं। इसके अलावा नईगढ़ी ब्लॉक के 50 फीसदी क्षेत्रफल में जल संकट शुरू हो गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि सौ नल-जल योजनाएं और तीन हजार हैण्डपम्प बंद पड़े हैं।
जिनमें साढ़े 5सौ हैण्डपम्प डाउन वाटर लेबल के चलते बेकार हो गए हैं। जबकि मैदानी हकीकत कुछ और है। अधिकांश नल-जल योजनाएं कुप्रबंधन के चलते चालू ही नहीं हो पाई हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले के दोनों खण्डों में कुल मिलाकर 377 नल-जल योजनाएं हैं। जिनमें अधिकांश चालू हैं। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि सौ के करीब नल-जल योजनाएं फिलहाल बंद पड़ी हैं।
हैण्डपम्प बने शोपीस
अल्प वर्षा और उथले उत्खनन के चलते तीन हजार से अधिक हैण्डपम्प जनवरी महीने से ही हवा उगलने लगे थे। गर्मी सीजन के आगाज के साथ ही जिले के गंगेव, सिरमौर, रायपुर कर्चुलियान और नईगढ़ी के कुछ हिस्सों में स्थापित हैण्डपम्प शोपीस बनकर रह गए हैं। विभाग इनमें गहराई कम होने के कारण राइजिंग पाइप नहीं डाल सकता। जहां गहराई है भी, उनमें राइजिंग पाइप नहीं लगा पाए हैं। जहां कहीं लगाए भी हैं उससे पानी निकालना दुष्कर काम हो गया है। लिहाजा बस्ती की बस्ती लम्बी दूरी तय कर पीने का पानी जुटा रही है। हालांकि ऐसे हैण्डपम्पों में दो एचपी का मोटर पम्प लगाने की योजना भी शुरू की गई है परंतु अभी इस योजना का असर नजर नहीं आ रहा है।
कहीं टंकी तो कहीं पम्प के अभाव में बंद है जलापूर्ति
नल-जल योजनाओं की मैदानी हकीकत भयावह स्थिति बयां करती है। कई नल-जल योजनाओं में टंकी न बनने अथवा मोटर पम्प और सप्लाई पाइप न होने के चलते जलापूर्ति नहीं हो पाई है। इनमें गढ़, परासी, तेंदुआ, बांस में टंकी और पाइप नहीं होने के चलते जल सप्लाई नहीं किया जा सकता।
जिले में 1836 डाउन वाटर और 536 डेप्थ कम होने के चलते हैण्डपम्प पानी नहीं दे रहे हैं। जबकि 96 नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हैं। ड्राई बेल्ट में जल संकट कोई बड़ी बात नहीं है।
शरद सिंह, ईई पीएचई रीवा खण्ड