लेखापाल ने जान बूझकर एक ही खाते में कई बार भेजी राशि

रीवा। मुख्यमंत्री प्रसूति सहायता योजना में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रायपुर कर्चुलियान में पदस्थ लेखापाल ने अपने सगे संबंधियों को इस योजना का फर्जी लाभ दिया है। जानकारी के बाद बीएमओ ने लेखापाल द्वारा की गई गड़बड़ी की शिकायत जब सीएमएचओ से की तब उसका स्थानांतरण कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया।

गौरतलब है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रायपुर कर्चुलियान में मुख्यमंत्री प्रसूति सहायता योजना में वित्तीय अनियमितता की गई है। बीएमओ डॉ. अखिलेश सिंह द्वारा सीएमएचओ रीवा को अक्टूबर 2019 में पत्र लिखकर इस संबंध में कार्रवाई की मांग की थी। जिसमें मात्र लेखापाल का स्थानांतरण किया गया है।

ऐसे में यह स्पष्ट हो जाता है कि इस गड़बड़ी में जिले के अधिकारियों की भी बड़ी भूमिका है। लेखापाल द्वारा की गई अनियमितता त्रुटिवश नहीं बल्कि जान बूझकर की गई है जिसकी जांच किया जाना आवश्यक है। ताज्जुब की बात यह है कि जिले के स्वास्थ्य महकमा इस मामले की जांच न कर केवल लेखापाल का स्थानांतरण कर मामले से पल्ला झाड़ लिया है। वित्तीय अनियमितता की शिकायत के बाद न तो उससे अभी तक रिकवरी ही की गई है और न ही सेवा अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।

कुपोषण हटाने सरकार की योजना

मुख्यमंत्री प्रसूति सहायता योजना जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए शुरू की गई है जिनमें जच्चा-बच्चा के लिए लड्डू सहित अन्य पोषण आहार को महत्व दिया गया है। इस योजना में प्रसूताओं को प्रसव के बाद पौष्टिक आहार लड्डू सहित अन्य प्रकार की सामग्री दी जाती है ताकि जच्चा एवं बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ रहें। सरकार की इस योजना पर जिम्मेदारों ने पलीता लगाना शुरू कर दिया है। प्रसूताओं को शासन द्वारा दी जाने वाली सामग्री कागजों में दर्शाकर राशि ली जा रही है।

दो किश्तों में मिलते हैं 16 हजार

मुख्यमंत्री श्रमिक प्रसूति सहायता योजना में पात्र हितग्राहियों को 16 हजार रुपए की राशि दी जाती है जो दो किश्तों में प्रसूता के खाते में डालने का प्रावधान किया गया है। खास बात यह है कि महिला के गर्भवती होने की पुष्टि के बाद 4 हजार रुपए दिए जाते हैं ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे को कुपोषण से बचाया जा सके। प्रसव के बाद 11 हजार रुपए की राशि दी जाती है।

एक खाते में कई बार भेजी राशि

मुख्यमंत्री श्रमिक प्रसूति सहायता योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लेखापाल ने वर्ष 2018-19 के दौरान एक ही खाते में कई बार राशि भेजी है। बताया गया है कि उक्त राशि की जानकारी विभाग के प्रभारी विमल पाण्डेय की ओर से दिए जाने का उल्लेख किया गया था। साथ ही इस तरह के  प्रमाण भी प्रस्तुत किए गए थे। मामले की जानकारी के बाद संबंधित लेखापाल और बीपीएम से मांगे गए जवाब में दो दर्जन ऐसे मामले सामने आए हैं जिनके खाते में एक से अधिक बार राशि भेजी गई है। इस बात को लेखापाल भी स्वीकार कर चुके हैं परंतु उनके द्वारा जो स्पष्टीकरण दिया गया है उसमें स्पष्ट किया गया है कि यह त्रुटिवश हुआ है।

सगे संबंधियों को किया उपकृत

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रायपुर कर्चुलियान में की गई इस गड़बड़ी में बीपीएम ने जो तर्क पेश किया है उसमें कहा गया है कि लेखापाल ने अपने सगे संबंधियों के खाते में राशि ट्रांसफर की है। बताया गया है कि यह राशि त्रुटिवश नहीं जान बूझकर खाते में भेजी गई है।