आठ साल बाद भी आकार नहीं ले पाए 74 ग्रामीण क्रीड़ांगन
सतना | वर्ष 2012 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने क्रीड़ांगन योजना शुरू की थी। इसके अंतर्गत प्रत्येक पंचायत में खेल विभाग द्वारा खेल मैदान बनाया जाना था। बाद में, तय हुआ कि मैदान मनरेगा से बनाए जाएंगे। मनरेगा ने कुछ पंचायतों में काम भी किया, लेकिन पूरा नहीं हो पाया।
ग्रामीण खिलाडिय़ों के लिए मनरेगा से बनने थे मैदान
मनरेगा की रिपोर्ट में बताया था कि, वर्ष 2012 से 2017 तक 692 पंचायतों में से चार से पांच मैदान पूरे हो पाए। जबकि आठ ब्लाकों में 74 का काम शुरू नहीं हो पाया। इन मैदानों पर मनरेगा द्वारा तीन से पांच लाख रुपए तक खर्च किए जा रहे हैं। इतनी कम संख्या में खेल मैदान बनने के पीछे का कारण है कि गांव में सरकारी भूमि नहीं मिल पा रही है। शुरूआत में तय था कि, गोहा या चरनोई भूमि में मैदान बनाए जाएं। लेकिन जब जमीन की तलाश हुई तो पता चला कि अधिकतर जमीनों पर दबंगों का कब्जा है। यहां तक कि, स्कूलों पास मैदानों पर भी।
इस तरह बनाए जाने थे मैदान
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मप्र के अन्तर्गत बनाई गई ग्रामीण क्रीड़ांगन उपयोजना के तहत ग्राम पंचायतों में खेल मैदानों का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय स्कूल और गांव की विवाद रहित सरकारी भूमि पर ये खेल मैदान बनाए जाने हैं। ऐसे विकासखंड मुख्यालयों पर भी खेल मैदान बनाए जा सकेगें, जो ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आते हैं। प्रथम चरण में ऐसे गांवों का चयन होगा, जिनकी आबादी 5 हजार से अधिक है। दूसरे चरण में 5 हजार से कम लेकिन 3 हजार से ज्यादा जनसंख्या हो। खेल मैदानों को समतल करने, पौधरोपण और मिट्टी के रैम्प आदि बनाने के कार्य किए जाएंगे। ग्राम पंचायत की शिक्षण संस्थाओं के क्रीड़ा अधिकारी भूमि चयन में सहयोग करेंगे।
ग्रामीण खिलाड़ी वंचित
सरकार की योजना थी कि ग्रामीण बच्चों को टैलेंट सर्च योजना में शामिल किया जाएगा। लेकिन जब मैदान ही नहीं हैं तो बच्चे तैयारी कहां करेंगे। इधर, हर साल सैकड़ों शहरी बच्चे टैलेंट सर्च की मदद से प्रदेश की खेल अकादमियों में प्रवेश ले रहे हैं। खेल विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अबतक टैलेंट सर्च से तैयार खिलाड़ियों ने नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड प्राप्त किए हैं। सैकड़ों बच्चों ने इंटरनेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है। बीते आठ साल में कई सरकारी नौकरियां प्राप्त कर चुके हैं।
कहां कितने अधूरे
ब्लाक संख्या
अमरपाटन 8
मैहर 19
मझगवां 10
नागौद 4
रामनगर 7
रामपुर बा. 11
सोहावल 12
उचेहरा 3
कुल 74