जबलपुर में मिले 21 हजार नए मतदाता: आगामी नगर निगम चुनाव में नहीं मिलेगा वोटिंग का अधिकार
भोपाल | जबलपुर में स्थानीय प्रशासन के आदेश के चलते पार्षद प्रत्याशियों की जुगत फेल होती नजर आने लगी है। दरअसल भावी प्रत्याशियों ने जीत की संभावना के मद्देनजर अपना वार्ड बदल दिया। अपने साथ अपने समर्थकों के भी वार्ड बदल कर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की कोशिश की। मगर उनकी इस रणनीति को प्रशासन ने समय रहते भांप लिया और एक व्यवस्था दी कि 28 सितंबर को जारी अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के पहले जितना सुधार हो पाया है उन्हें ही उस क्षेत्र या वार्ड में मतदान करने का अवसर मिलेगा अन्यथा, वो उसी वार्ड में मतदान कर पाएंगे जहां उन्होंने पिछली बार किया था।
बीएलओ के पास एक महीने तक चली प्रक्रिया में कई मतदाताओं के वार्ड बदल गए और कई नए नाम जुड़ गए, लेकिन जो नए नाम जोड़े गए हैं वे मतदाता आगामी विस चुनाव 2023 में ही मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे। प्रशासन ने मतदाता सूची में 25 हजार नाम जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसमें 21 हजार नाम जोड़े जा सके।
प्रत्याशियों ने बदल लिया अपना वार्ड
बताया जा रहा है कि नगर निगम चुनाव में वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भावी प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ने के हिसाब से अपना वार्ड बदल लिया। साथ ही अपने कुछ समर्थक मतदाताओं का भी वार्ड बदलवाने को उनके निवास स्थान में सुधार करवा रहे थे।
इस संबंध में उप जिला निर्वाचन अधिकारी शाहिद खान ने बताया कि नगर निगम और पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हो चुका है। अभी जो मतदाता सूची में नाम जोड़ने और सुधार का काम किया जा रहा है, वह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए है। इसलिए जो भी नाम या पता में सुधार हो रहा है उसका लाभ निगम चुनाव में नहीं मिलेगा। इस बीच नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के मनीष शर्मा, डॉ राकेश चक्रवर्ती ने जिला निर्वाचन अधिकारी से मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत की थी। अब इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है।