धड़ल्ले से काटे जा रहे पेड़ निकाली जा रही खनिज संपदा

रीवा | जिले में वन व खनिज संपदा का धड़ल्ले से दोहन किया जा रहा है। विभाग की नाक के नीचे माफिया वन भूमि को छलनी कर रहे हैं। हर दिन सैकड़ो की संख्या में वृक्ष काटे जा रहे हैं, वहीं दर्जनों ट्रॉली पत्थर व मुरुम भी निकाले जा रहे हैँ। हैरानी ये है कि जानकारी होने के बाद भी संबंधित विभाग इन पर कार्रवाई नहीं करता है। लिहाजा जिले की वन संपदा धीरे-धीरे समाप्त होने की कगार पर पहुंच गई है। ऐसे में शासन को प्रति माह करोड़ों की राजस्व क्षति पहुंच हो रही है। 

उत्तरप्रदेश से लगे रीवा जिले के सिरमौर रेंज के चारों उप वन क्षेत्रों में अवैध रूप से प्रतिदिन दर्जनों डंपर पटिया-पत्थर व गिटटी-मुरूम का अवैध उत्खनन एवं परिवहन होता है। मामले की जानकारी वन विभाग के परिक्षेत्राधिकारियों को होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। अवैध उत्खनन एवं परिवहन का मामला प्रकाश में आने के बाद अपना पल्ला झाड़कर खनिज विभाग या पुलिस के पाले में डाल देते हैं। 

यहां से पत्थर हो गए चोरी
सूत्रों की माने तो  टीएचपी कैनाल से लेकर चचाई प्रपात तक के पत्थर चोरी कर लिए गये जिसकी कई बार शिकायत भी की जा चुकी है। ताज्जुब की बात यह है कि  वन विभाग द्वारा जंगलों की सुरक्षा के लिए बनाई गई खखरी तक माफिया गायब कर दिए हैं। लेकिन विभाग ने अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है।

यहां हो रहा अवैध उत्खनन
वन परिक्षेत्र सिरमौर के अंतर्गत कई स्थानों पर वन भूमियों में अवैध उत्खनन किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार खनिज माफिया वन अधिकारियों की शह पर इस अवैध उत्खनन एवं परिवहन को अंजाम दे रहे हैं। लालगांव अन्तर्गत सरई, पनगढी, कांकर व पटेहरा अन्तर्गत लूक, पटेहरा भड़रा, पटहट, गुरगुदा व त्योंथर अन्तर्गत भनिगवां बीट में सर्वाधिक अवैध उत्खनन किया जा रहा है।