दो लाख की रिश्वत लेते सरपंच दुआरी ट्रेप
रीवा | हुजूर तहसील के ग्राम पंचायत दुआरी सरपंच नरेन्द्र शुक्ला को लोकायुक्त की टीम ने दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह पहला मामला है जब किसी जनप्रतिनिधि को अपने ही पंचायत के मतदाताओं से रिश्वत की रकम लेते हुए पकड़ा गया है। दरअसल सरपंच नरेन्द्र शुक्ला ने गुलाब पाण्डेय ग्राम भोलगढ़ से सार्वजनिक शौचालय हटवाने की एवज में 4 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। मतदाताओं से विकास के बड़े-बड़े वादे कर वोट हासिल करने वाले जनप्रतिनिधि ही जब रिश्वतखोरी में आ जाएं तब उस जनता का क्या होगा, जो जनप्रतिनिधि की नजरों से क्षेत्र का विकास देखती हो। ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर बड़े-बड़े कारनामे किए गए हैं। कई सरपंच एवं सचिवों पर लाखों रुपए की वसूली भी हुई है।
कई निलंबित एवं पद से पृथक भी किए गए हैं परंतु सोमवार को एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हतप्रभ कर दिया है। हुजूर तहसील की ग्राम पंचायत दुआरी के सरपंच नरेन्द्र शुक्ला पिता स्व. हनुमंत प्रसाद शुक्ला ग्राम अमरैया थाना चोरहटा ने शासकीय भूमि पर प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास योजना के अंतर्गत निर्मित सार्वजनिक शौचालय हटवाने की एवज में दो लाख रुपए लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए। दरअसल शिकायतकर्ता गुलाब प्रसाद पाण्डेय पिता स्व. कौशल प्रसाद पाण्डेय ग्राम भोलगढ़ से ग्राम दुआरी स्थित उनके मकान के सामने से शौचालय हटाने की एवज में 4 लाख की रिश्वत मांगी थी। बाद में वह 2 लाख रुपए लेने पर राजी हो गए।
50 हजार नकद, डेढ़ लाख का दिया था चेक
ग्राम पंचायत दुआरी के सरपंच नरेन्द्र शुक्ला को शिकायतकर्ता गुलाब प्रसाद पाण्डेय द्वारा न्यू बस स्टैण्ड के पास मेन रोड के किनारे 50 हजार रुपए नकद एवं डेढ़ लाख रुपए का चेक दिया था। शिकायतकर्ता द्वारा रिश्वत की मांग की शिकायत पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के समक्ष की थी। ्रजिस पर लोकायुक्त ने सच्चाई की पुष्टि के बाद सोमवार को सरपंच दुआरी को रंगे हाथ ट्रेप कर लिया है। बताया गया है कि सरपंच द्वारा 50 हजार रुपए की रिश्वत शिकायतकर्ता गुलाब पाण्डेय से ले ली गई थी और डेढ़ लाख रुपए का चेक उन्हें यह कहकर वापस कर दिया गया था कि आपकी क्रेडिट है, आप इसका भुगतान लेकर पैसा दे दें।
लोकायुक्त के उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में निरीक्षक डीएस मरावी, प्रमेन्द्र सिंह एवं 20 सदस्यीय दल द्वारा की गई कार्रवाई के बाद जो जानकारी सामने आई है, उसमें सरपंच द्वारा सार्वजनिक शौचालय हटाने के नाम पर शिकायतकर्ता से पैसे लिए थे। ताज्जुब की बात यह है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास योजना अंतर्गत शासकीय भूमि पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया था ताकि आम लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न होने पाए।
राजनिवास में हुई कार्रवाई
नए बस स्टैण्ड के पास रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए सरपंच दुआरी नरेन्द्र शुक्ला को लोकायुक्त टीम ने ट्रेप करने के बाद राजनिवास लेकर आई, जहां पर पूरी कार्रवाई की गई। इस दौरान राजनिवास के जिस कक्ष में कार्रवाई की जा रही थी, उसके बाहर पुलिस का पूरी तरह से पहरा लगाया गया था ताकि कोई बाहरी व्यक्ति उस कक्ष में प्रवेश न कर सके। दोपहर से शुरू की गई यह कार्रवाई देर शाम तक चलती रही। लोकायुक्त ने सरपंच नरेन्द्र शुक्ला पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया है।