लॉ पढ़ाने वाले कॉलेजों के पास मान्यता प्राप्त करने दो माह का वक्त

रीवा | संभाग में विधि पढ़ाने वाले कॉलेजों के पास बार काउंसिल आॅफ इंडिया (बीसीआई) से मान्यता होना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि लम्बे वक्त से कॉलेजों ने मान्यता, सम्बद्धता का नवीनीकरण नहीं कराया है। प्रवेश प्रक्रिया के शुरुआती चरण में उच्च शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किया था कि बीए एलएलबी, एलएलएम पढ़ाने वाले शासकीय, निजी कॉलेजों को बार काउंसिल आॅफ इंडिया से मान्यता लेनी पड़ेगी। पर ऐसे महाविद्यालयों को इस प्रक्रिया के लिए 6 माह का वक्त दिया गया था। अर्थात कॉलेजों को बीसीआई को आवेदन करने और कॉलेज का निरीक्षण कराने के लिए फरवरी तक का वक्त है।

गौरतलब है कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और विधि महाविद्यालय के अलावा विवि से सम्बद्धता रखने वाले निजी कॉलेज बिना बीसीआई की मान्यता के अब तक विधि के पाठ्यक्रम पढ़ा रहे थे। जिन्हें विश्वविद्यालय से डिग्री मिल रही थी। ज्ञात हो कि विधि पढ़ाने के लिए कॉलेजों को बीसीआई की गाइड लाइन का पालन करना होता है जिसमें नियमित प्राध्यापक के साथ-साथ मूट कोर्ट का निर्माण करना होता है।

अब तक विधि महाविद्यालय के पास भी मूट कोर्ट नहीं था मगर नए भवन के निर्माण में मूट कोर्ट बना दिया गया है। परंतु निजी कॉलेजों के पास न तो नियमित स्टाफ है और न ही मूट कोर्ट जैसे किसी भी भवन का निर्माण किया गया है। ऐसे में अगर बीसीआई इन कॉलेजों का निरीक्षण करता भी है तो उन्हें मान्यता मिलना मुश्किल हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर दो महीने के भीतर मान्यता न मिलने पर उच्च शिक्षा विभाग सम्बद्धता समाप्त कर देगा। ऐसे में बिना मान्यता के लॉ पढ़ाने वाले कॉलेजों में ताला लगने की भी आशंका है।