हड़ताल पर रीडर, नहीं होगी सतना में रीडिंग

सतना | पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी का काम एक बार फिर मीटर वाचकों को रास नहीं आ रहा है और सिटी डिवीजन सतना के मीटर रीडर फिर हड़ताल पर चले गए हैं। रीडरों का आरोप है कि शहर संभाग के अधिकारी उनके ऊपर ज्यादा काम का दबाव बना रहे हैं। हालाकि अफसर तो इन आरोपों को नकार रहे हैं। अब हालात ये बन रहे हैं कि शहर में रीडिंग का काम एक बार फिर लटक जाएगा और उपभोक्ताओं को फोटो मीटर रीडिंग के बजाए एवरेज बिलों का सामना करना होगा और कार्यालय में विवाद की स्थितियां बनेंगी।

एक ही एरिया में दो बार रीडिंग का दबाव
मीटर रीडरों का आरोप है कि उनके उपर एक ही रीडिंग में दो बार रीडिंग करने का दबाव बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं दूसरे रीडर को दूसरे क्षेत्र में भेजकर क्रास रीडिंग चेक का दबाव बना रहे हैं। लिहाजा रविवार को सतना सिटी के 65 मीटर वाचक हड़ताल में चले गए हैं और काम बंद कर दिया हैं। रविवार को ही सिटी के गेट में बैठे रीडरों ने हंगामा किया और कंपनी के विरोध में नारेबाजी भी करते नजर आए हैं। इस हड़ताल का  नेतृत्व संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरुण गौतम कर रहे हैं।

जैसे कर रहे थे वैसे ही करेंगे
मीटर वाचकों की मांग है कि उन पर जो दबाव बनाया जा रहा है वो वापस लिया जाए और वो अपना काम वैसे ही तरीके से करेंगे जिस तरीके से वो बीते दिनों से करते आ रहे हैं, जबकि  अफसर इस बात पर  राजी नहीं है। क्योंकि उनको तो फीडर का लाइन लास निकालना है और वो रीडरों के तरीके से आएगा नहीं। इधर वाचक कह रहे कि जब तक इस मामले का निराकरण नहीं होगा वो हड़ताल पर ही रहेंगे।

रीडरों को बांटे गए हैं फीडर
हड़ताल से निजात पाने देर रात तक सिटी में डीई और उनके मातहत कर्मचारी रणनीति बनाते रहे कि आखिर कैसे लाइन लॉस निकालने रीडिंग कराई जाए। जबकि बताया जा रहा है कि लाइन लॉस निकालने के लिए रीडरों को एक एक फीडर दिए गए हैं जिसमें उनको उपभोक्ताओं को तीन दिनों का समय दिया गया है कि वो एक फीडर की रीडिंग लेकर दूसरे फीडर का काम करें। इसके पीछे वजह ये हैं कि लॉस निकालने के लिए 1 तारीख की रीडिंग चाकएि और होती है 1 से 10 तक जिससे पूरा लॉस नहीं आता है और यही काम वाचको को नागवार गुजरा लिहाजा वो हड़ताल पर चले गए।

मीटर वाचको ने पहले काम के लिए सहमति दी थी बाद में हड़ताल करने लगे। अब कंपनी जो कराएगी करना तो वहीं है। किसी के घर का नहीं बल्कि कंपनी के काम ही बोले गए हैं। हड़तालियों पर कार्रवाई के लिए ठेका कंपनी को कहा गया है।
राजकुमार पांडे, डीई सिटी