महामारी पर भारी उत्साह: कोरोना को भूल मेले में उमड़ी भीड़

सतना / चित्रकूट।  कोरोना काल में आयोजित पहले मकर संक्रांति के मेले को लेकर हर आयु वर्ग के लोगों में इतना उत्साह रहा कि वे खतरनाक महामारी को भी भूल गये। शहर से गांव तक आयोजित मेलों में पहुंचे लोगों में अधिकांश लोग बिना मास्क के नजर आये तो भीड़ इतनी अधिक थी कि लोगों को आगे निकलने के लिये धक्का मुक्की तक करनी पड़ी और सोशल डिस्टेसिंग का फरमान भी गायब हो गया। इस दौरान बच्चों में किलौने लेने को लेकर जहां भारी उत्साह देखने को मिला तो बड़ों ने लाई और मिठाई को महत्व दिया। चाट के ठेलों से लेकर रहट में झूला झूलने में क्या बच्चे और क्या बुजुर्ग और युवा महिला पुरुष भी पीछे नहीं रहे।

दोपहर बाद बढ़ी भीड़
मेले का आकर्षण ग्रामीण क्षेत्रों कुछ अधिक रहता है क्योंकि ग्रामीण मेले के दौरान शादी व्याह के लिये बर्तन आदि की खरीददारी भी कर लेते हैं पर सतना शहर के पावा वाला मेला इसमें अपवाद ही कहा जाएगा जो 7 दशकों बाद भी अपना आकर्षण कायम रखे हुए है। यहां तक कि कोरोना जैसी महामारी भी लोगों के उत्साह को कम नहीं कर सकी। गुरुवार को भी सतना नदी के किनारे पावा के पास लगे मेले में दोपहर 12 बजे के बाद से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था पर जैसे जैसे समय आगे बढ़ रहा था भीड़ भी बढ़ती जा रही थी।

अपरांह 3 बजे के बाद तो भीड़ इतनी बढ़ गई कि लोगों को मेला परिसर में पांव रखने में भी परेशानी हो रही थी। इस दौरान वहां लगे झूले और चाट आदि की दुकानों में अच्छी खासी भीड़ रही। खिलना आदि बिक्री करने वाली दुकानों में बच्चे अपनी पसंद के खिलौने दिलवाने के लिये अविभावकों से रुठते नजर आये तो बड़ों ने लाई और मिठाई आदि लेकर मेले में पहुंचने का उद्देश्य पूरा किया। दोदशक तक मेला 3 दिन लगता था लेकिन इसके बाद कभी दो तो कभी तीन दिन लगने लगा। पिछले सालों में तो वह एक ही दिन में समाप्त हो रहा है। यहां कोई आयोजन समिति न होने से आयोजन संबंधी कोई निर्णय भी नहीं हो रहे।

मन्दाकिनी में लगाई डुबकी किया खिचड़ी का दान

मकरसंक्रान्ति पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने मन्दाकिनी में डुबकी लगाकर खिचड़ी व तिल का दान किया। श्रद्धालुओं ने कामतानाथ की परिक्रमा लगाई। धूप निकलने के बावजूद शीतलहर से श्रद्धालु कांपते रहे। प्रशासन ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये थे। पहाड़ी व भरतकूप क्षेत्र में लगे मेले का लोगों ने लुत्फ उठाया। 

शीतलहर के बीच गुरुवार को मकरसंक्रान्ति पर्व पर मन्दाकिनी में डुबकी लगाने लाखों श्रद्धालु पहुंचे। कर्वी पुलघाट व मन्दाकिनी रामघाट में लाखोें ने डुबकी लगाकर चावल व मूंग की दाल मिलाकर खिचड़ी दान किया। शहर व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने कामदगिरि की परिक्रमा की। घाट किनारे लगी दुकानों में बच्चों ने जमकर खरीद्दारी की।

हनुमानधारा, भरतमिलाप, गुप्त गोदावरी, स्फटिक शिला, सूरजकुण्ड, बाल्मीकि आश्रम पर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर गरीबों को खिचड़ी दान दी। भरतकूप के ऐतिहासिक कुयें के जल से स्नान करने के लिए देर शाम तक हजारों श्रद्धालु जमा रहे। मान्यता है कि भरत जी ने भगवान राम के राज्याभिषेक के लाये गये सभी तीर्थों का जल इसी कुयें में डाला था। इसी के चलते यहां काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। कुल मिलाकर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।