रेत का भण्डारण करते नाव सहित मशीन जब्त
रीवा | तराई क्षेत्र में टमस एवं बेलन से अवैध रेत का उत्खनन वर्षों से किया जा रहा था। जिसकी जानकारी के बाद कलेक्टर के निर्देशन में खनिज विभाग की टीम ने शुक्रवार को लवरपुर्वा, गंगतीरा क्षेत्र से रेत की निकासी और भण्डारण करते पाए जाने पर मशीन और नाव को जब्त कर लिया है। शुक्रवार को खनिज विभाग की टीम ने दोपहर जवा एवं त्योंथर एरिया में रेत की खदानों का निरीक्षण कर रही थी। इस दौरान अवैध रेत उत्खनन करते पाए जाने पर बड़ी कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि खनिज माफियाओं को विभाग द्वारा कार्रवाई की सूचना मिलने के बाद नाव एवं मशीन को नदी में धकेल कर दूसरे किनारे पर बहा दिया गया था। जिसे दूसरी नाव की सहायता से पुलिस बल द्वारा पुन: खींचकर किनारे लाया गया। मौके पर स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए गए।माइनिंग कार्पोरेशन द्वारा जिले में कोनी, कसियारी, जोन्हा, घोटा, पथरौड़ा में रेत खदान विधिक ठेकेदार को आवंटित की गई है। इसके अलावा चांदी, भुनगांव में पूर्व से स्वीकृत रेत खदान चलाई जा रही है। इन खदानों का निरीक्षण करने के लिए शासन द्वारा खनिज निगम के अधिकारियों को अधिकृत किया गया है।
प्रभारी अधिकारी खनिज निगम एसके दुबे द्वारा रेत ठेकेदारों को नियमानुसार व्यवस्थित खदान संचालन करने के साथ-साथ सूचना पत्र भी जारी किया गया था। शुक्रवार को पहुंची विभाग की टीम ने लवरपुर्वा एवं गंगतीरा से निकाली जा रही अवैध रेत को पकड़कर नाव एवं मशीन सहित जब्त कर लिया है। बताया गया है कि खनिज निगम के साथ जिला खनिज अधिकारी रत्नेश दीक्षित, वीर सिंह, आरती चौधरी, आरती सिंह, संजय गुप्ता, आरपी पाण्डेय एवं सरवर खान मौजूद थे।
नाव में आधुनिक मशीन लगाकर गहरे पानी से रेत निकालने का सिलसिला कई वर्षों से शुरू है। टमस एवं बेलन नदी में चलने वाली नाव में बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई हैं जिनके द्वारा गहराई से पानी के साथ रेत निकाली जाती है। अवैध रेत का कारोबार करने वाले इस पानी को घाट के ऊपर पहुंचाते हैं जहां से रेत ऊपर ही रह जाती है और पानी नीचे आ जाता है। ऐसे में प्रतिदिन एक दर्जन से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रालियों द्वारा नदी से निकाली गई रेत को ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बेचा जाता है।