विधायक वैश्य ने समर्थकों के साथ खदान में दिया धरना
सिंगरौली। विधायक रामलल्लू वैश्य ने भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र गोयल की उपस्थिति में गुरूवार को ग्राम पंचायत पिपराकुरंद, उर्ती, कान्दोपानी, ओरगाई, हर्रहवा के ग्रामीण जनों के साथ अवैध रेत खनन एवं परिवहन पर रोक लगाने खदान में एक दिवसीय धरना दिया। उन्होंने परिवहन में सम्मिलित वाहनों का चक्का जाम किया। कलेक्टर के नाम एसडीएम सिंगरौली ऋषि पवार को आठ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा है।
ये रहे उपस्थित
धरना में जिला मंत्री भाजपा नरेश शाह,मण्डल अध्यक्ष एकतीस चंद वैश्य, वरिष्ट नेता मेघनाथ वैश्य पूर्व मण्डल अध्यक्ष तियरा, सूरज प्रसाद पाण्डेय, पूर्व मण्डल अध्यक्ष सिंगरौली रामबृज चौरसिया,पूर्व मण्डल अध्यक्ष बैढन सुन्दर लाल शाह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम रजनीश पाण्डेय,मण्डल अध्यक्ष जयंत देवेश पाण्डेय, मण्डल अध्यक्ष बैढन विक्रम सिंह, युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संदीप शुक्ला, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष गिरजा पाण्डेय, प्रभांशु सरार्फ प्रेमचंद्र विश्वकर्मा,शिवराम पनिका,लाल बाबु वैश्य,नीरज चौबे एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।
मप्र में माफियाराज
वैश्य ने कहा, जब से कांग्रेस की सरकार आई है, तबसे शांति का टापू कहे जाने वाले मप्र में माफियाओं का राज हो गया है। सिंगरौली भी अछूता नहीं है। कांग्रेस के मंत्री, नेता बड़े पैमाने पर पंचायत की रेत खदानों में अवैध उत्खनन कर परिवहन कर रहे है। जिससे प्रधानमन्त्री ग्रामीण सड़क योजना अंतगर्त निर्मित सड़के नष्ट हो रही हैं। उनकी भार क्षमता मात्र आठ टन है। पर, 40.50 टन रेत का परिवहन किया जा रहा है। जिससे समस्त सड़के क्षतिग्रस्त हो गई है। साथ ही, सरकार की मंशा रही है कि, खदानों में उत्खनन मजदूरों द्वारा कराया जाए जिससे अधिक से अधिक मजदूरों को रोजगार मिल सके। परन्तु वर्तमान में रेत खदानों में मशीन द्वारा उत्खनन करके मजदूरों की रोजी छिनी जा रही है। कम वजन की रायल्टी काट कर अधिक भार का परिवहन किया जाता है। एनजीटी एवं शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
अन्य जिलों के मंत्रियों का संरक्षण
पंचायत रेत खदानों में अन्य जिलों के मंत्रियों से संरक्षण प्राप्त ठेकेदारों द्वारा उत्खनन किया जा रहा है। जिसे सिंगरौली की जनता बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगी। विधायक ने कहा, धरना के समय रेत खदानों में पोकलेन और ट्रक न होना यह साबित करता है कि उत्खनन एवं परिवहन अवैध रूप से संचालित है। जिस प्रकार खदान में आज सब गायब था, उसी प्रकार खदान निरंतर रहे। अन्यथा कभी भी औचक आंदोलन कर खदान को बंद कर देंगे।