रौब दिखाने के लिए ना करें अधिकारों का उपयोग
भोपाल। नरोन्हा प्रशासन अकादमी के माध्यम से लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित राज्य सेवा के अधिकारियों के 62 प्लस 62 सदस्यीय बैच को ए.पी.सिंह, प्रमुख सचिव विधान सभा द्वारा विधान सभा परिसर में संबोधित किया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जो अधिकार मिले हैं वे जनता की सेवा के लिए हैं। इन अधिकारों का उपयोग अह्म या रौब दिखाने के लिए ना करें।
प्रमुख सचिव ए.पी. सिंह द्वारा युवा अधिकारियों को विधान सभा की प्रक्रिया के संबंध में विधान निर्माण, बजट आदि की विस्तार से जानकारी देते हुए उल्लेख किया कि विधान सभा प्रदेश की जनता द्वारा निर्वाचित सर्वोच्च विधायी संस्था है इसी के माध्यम से शासन चलाने हेतु कार्यपालिका को जरूरी कानून व बजट उपलब्ध कराया जाता है तथा इसके द्वारा संवैधानिक व्यवस्था के तहत विभिन्न प्रक्रियाओं तथा सभा समितियों के माध्यम से कार्यपालिका पर नियंत्रण रखा जाता है. विधायिका एवं जनप्रतिनिधि सदस्यों का सम्मान व गरिमा रखना कार्यपालिका का दायित्व है। प्रमुख सचिव ने कहा कि शासकीय अधिकारियों को जो अधिकार प्राप्त होते हैं वह राष्ट्र, प्रदेश व जनता की सेवा में उपयोग के लिए है। इसलिए राज्य सेवा के लिए चयनित अधिकारी यह ध्यान रखें की अपने अधिकारों का उपयोग अहम या रौब दिखाने के लिए न करें। सिंह द्वारा अधिकारियों को उनके व्यक्तित्व, कृतित्व के संबंध में वृक्ष का उदाहरण देते हुये नसीहत दी गई कि जैसे वृक्ष पहले अपने पत्तों के द्वारा छाया प्रदान करता है, जैसे-जैसे वृक्ष का कद बड़ा होता है उसकी छाया का दायरा भी बढ़ता चला जाता है और जब वृक्ष में फल लगते हैं तो वह झुक जाता है. इसी तरह शासकीय सेवकों को अपने व्यक्तित्व व कर्तव्य के विस्ताह से विकास में योगदान एवं आम जन का कल्याण करना चाहिये तथा उच्च पद या ओहदा बढ़ने पर फल लगे वृक्ष की भांति विनम्र होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिये साथ ही आवश्यकतानुसार नवाचार भी अपने कार्य क्षेत्र में किये जायें इससे सेवा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम दे सकेंगे।