शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़ा, एसटीएफ ने शुरू की जांच

फैक्ट फाइल

  • 92 पेजों की जांच रिपोर्ट
  • 270 फाइलों में गड़बड़ी
  • 2014 में शुरू की गई थी जांच
  • 2016 में सौंपी गई थी फाइनल जांच रिपोर्ट

सतना | शस्त्र लाइसेंस मामले में हुए फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ जबलपुर की टीम ने शुरू कर दी है। जबलपुर से आई दो सदस्यीय टीम ने मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। टीम ने 2016 की जांच रिपोर्ट और लाइसेंस शाखा से जुड़े पत्राचारों से जुड़े कागजात भी अपने कब्जे में लिए।

दो सदस्यीय टीम अपने साथ रिपोर्टव अन्य कागजात ले गई

यहां उल्लेखनीय है कि शस्त्र लाइसेंस से जुड़े लगभग 270 मामलों में गड़बड़ियां पाई गई हैं, जिसकी जांच रिपोर्ट 92 पन्नों की आई हैं। इस मामले में एसआईटी ने पहले दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू की थी, अब एसआईटी ने यह जांच एसटीएफ जबलपुर को सौंप दी है। माना जा रहा है कि जबलपुर एसटीएफ द्वारा जांच शुरू किए जाने के बाद अब जांच अपने मुकाम तक पहुंचेगी। 

पांच सदस्यीय टीम ने की थी जांच
शस्त्र लाइसेंस की फर्जीवाड़े की जांच के लिए 2016 में पांच सदस्यीय एक नई टीम का गठन किया गया था। सूत्रों के मुताबिक इस टीम के मुखिया तत्कालीन अपर कलेक्टर मूलचंद्र वर्मा थे, जबकि टीम में सदस्य के रूप में डिप्टी कलेक्टर दिलीप पाण्डेय, डिप्टी कलेक्टर सपना त्रिपाठी, बाबू शारदा पाण्डेय और बाल्मीक शुक्ला को शामिल किया गया था। पांच सदस्यीय इस टीम ने 92 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन कर्मचारियों को दोषी पाया था। 

ये था मामला

  • 2011 में फर्जी तरीके से लाइसेंस की एरिया वृद्धि कर दी गई
  • कारतूस संख्या की वृद्धि में गड़बड़ी (पहली बार में 10 से 20 कारतूस देने का प्रावधान, लेकिन 20 से 25 कारतूस दी गई)
  • बिना कार्यालयीन पत्राचार किए सीधे हाथों-हाथ दी गई एनओसी 

निरस्त लाइसेंस की ली जानकारी
शस्त्र लाइसेंस के फर्जीवाड़े की जांच करने आई दो सदस्यीय एसटीएफ की टीम ने हाल ही में कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह द्वारा फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के मामले में की गई कार्रवाई से संबंधित आदेश की कापी भी अपने साथ ले गई। यहां उल्लेखनीय है कि चल रही जांच के बीच अनूप शुक्ला के द्वारा फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण करा लिया गया था, जिसे कलेक्टर श्री सिंह ने निरस्त कर दिया था, उस आदेश की कापी भी एसटीएफ की टीम अपने साथ ले गई है।