टाइगर सफारी में एक और बाघ की मौत, 5 बीमार

सतना | शुक्रवार नए साल की पहली सुबह वन्य जीवों से प्रेम करने वाले लोगों के लिए बुरी खबर लेकर आई। यहां महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर में यलो बाघ नकुल की मौत हो गई। जिन बाघों की वजह से यह क्षेत्र न केवल विंध्य बल्कि देश-विदेश के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था, वहीं विचरने वाले बाघों की लगातार हो रही मौत ने प्रबंधन की चूलें हिला दी हैं। गुरुवार को यलो टाइगर नकुल की मौत के बाद विभागीय अधिकारियों की जुबान पर ताला लग गया है।

पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर की टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया गया जिसमें गेस्ट्रो इंट्राइटिस से मौत होने की संभावना व्यक्त की गई है। पीएम  के बाद नकुल का अंतिम संस्कार किया गया।  मुकुंदपुर चिड़ियाघर में एक-एक कर हो रही बाघों की मौत के बाद प्रबंधन अब यह बता पाने में नाकाम हो रहा है कि आखिर क्या वजह है कि लगातार चिड़ियाघर से बाघों की मौत हो रही है। 24 दिसम्बर गुरुवार को व्हाइट टाइगर गोपी की मौत के महज एक सप्ताह बाद ही यलो टाइगर नकुल की मौत हो जाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।  

हालांकि अब अधिकारी नकुल की हुई मौत को तोड़ मरोड़ कर पेश करने में लगे हुए हैं। लिहाजा सीसीएफ, डीएफओ एवं संचालक व्हाइट टाइगर सफारी फोन ही नहीं उठा रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि अचानक एक सप्ताह पूर्व व्हाइट टाइगर गोपी की हुई मौत के बाद यह बताया गया था कि श्वसन तंत्र फेल हो जाने से गोपी की मौत हुई है परंतु गुरुवार को यलो टाइगर नकुल की मौत के बाद अब प्रबंधन को रास्ता ही ढूंढ़े नहीं मिल रहा है। अभी व्हाइट टाइगर गोपी की मौत की जांच पूरी भी नहीं हो पाई थी कि नकुल की मौत ने जू प्रबंधन को एक बड़ी मुसीबत में खड़ा कर दिया।

दो और बाघ की तबियत बिगड़ी
महाराजा मार्तण्ड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी में जहां गुरुवार को यलो टाइगर नकुल की मौत हो गई है, वहीं दो अन्य बाघ जिसमें व्हाइट टाइग्रेस सोनम एवं एक यलो टाइगर की हालत गंभीर बनी हुई है। पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय से आई चिकित्सकों की टीम दोनों बाघों का इलाज करने में जुटी हुई है। सूत्रों की मानें तो अभी तक सफेद मादा बाघ सोनम एवं यलो टाइगर की हालत में किसी भी तरह के सुधार नहीं हो पाए हैं।

सोनम की हालत भी गंभीर
छत्तीसगढ़ के मैत्रीबाग भिलाई से लाए गए सफेद नर बाघ गोपी एवं मादा बाघ सोनम में एक सप्ताह पहले श्वसन तंत्र फेल हो जाने के चलते गोपी की मौत हो गई। जबकि सोनम की हालत भी गंभीर बताई जा रही है। जिसका उपचार जबलपुर पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय से आई हुई टीम द्वारा किया जा रहा है। वहीं रेस्क्यू कर लाए गए एक यलो टाइगर की भी हालत गंभीर बनी हुई है। तकरीबन चार दिन से दोनों बाघों ने दाना-पानी छोड़ दिया है। ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रबंधन की छटपटाहट बढ़ गई है।

नकुल से हुई थी राधा की मैटिंग
बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए व्हाइट टाइगर सफारी में एक प्रयोग किया गया था। जिसमें सफेद मादा बाघ राधा की मौत हो गई थी। उक्त मैटिंग गुरुवार को मरने वाले यलो टाइगर नकुल से कराई गई थी। गौर करने वाली बात यह है कि व्हाइट टाइगर सफारी के शुरुआती दौर से ही मनमानी तरीके से किए जा रहे प्रयोग एवं कुप्रबंधन बाघों के मौत की वजह बनते जा रहे हैं। खास बात यह है कि औरंगाबाद चिड़ियाघर से व्हाइट टाइगर सफारी में दुर्गा और नकुल को एक साथ लाया गया था। 22 अप्रैल को अचानक दुर्गा की मौत हो गई थी। जिसके चार साल बाद नकुल ने भी दम तोड़ दिया है।

पांच और बाघ बीमार
मुकुंदपुर चिड़ियाघर के पांच बाघ बीमार बताए जा रहे हैं। जिनमें से दो की हालत अत्यंत नाजुक बनी हुई है। हालांकि जू प्रबंधन बीमारी की बात को पूरी तरह से छिपाने में लगा हुआ है। मुख्य वन संरक्षक वन मण्डलाधिकारी एवं टाइगर सफारी के संचालक बीमारी से हो रही बाघ की मौत की जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।

अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार
गुरुवार को व्हाइट टाइगर सफारी में हुई यलो टाइगर नकुल की मौत के बाद पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर से आई चार चिकित्सकों की टीम ने बाघ का पोस्टमार्टम किया। बाघ की मौत किन कारणों से हुई है यह अभी ज्ञात नहीं हो सका है। पीएम के बाद बिसरा जांच के लिए भेजा गया है। शुक्रवार को मुख्य वन संरक्षक, वन मण्डलाधिकारी सतना, जू संचालक संजय रायखेड़े एवं अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में नकुल का अंतिम संस्कार किया गया।