पिता के लिए दो विधायकों ने खूब बहाया पसीना
भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के दो विधायकों ने अपने पिता को जिताने के लिए खूब पसीना बहाया अब कल जब मतणगना के बाद परिणाम आएंगे तो उनका राजनीतिक भविश्य भी ये परिणाम तय करेंगे। राजगढ़ और झाबुआ-रतलाम संसदीय सीटों के परिणामों पर कांग्रेस को जीत का भरोसा है, वहीं दोनों ही विधायकों का आत्मविश्वास भी है कि उनके पिता चुनाव जीत रहे हैं। अब देखना होगा कि कल परिणाम क्या और किसके पक्ष में आता है?
प्रदेश कांग्रेस ने कुछ सीटों पर अपने विधायकों पर दांव खेला था तो दो सीटों पर दो विधायकों जयवर्धन सिंह के पिता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राजगढ़ और विक्रांत भूरिया के पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट से मैदान में उतार था। दोनों ही विधायकों ने अपने-अपने पिता के लिए खूब पसीना बहाया। मैदान में सक्रियता दिखाई ताकि जीत हासिल हो सके। माहौल भी कुछ ऐसा बना कि भाजपा भी इन दोनों सीटों पर टक्कर की स्थिति मानने लगी। भाजपा के ही कुछ नेता अब भी एग्जिट पोल आने के बाद इन सीटों पर परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। दोनों ही सीटों को वे अब भी कड़ा मुकाबला बताते हुए यह स्वीकार कर रहे हैं कि अगर जीत हासिल हुई तो जीत का अंतर काफी कम रहेगा। वहीं दोनों विधायक अपने-अपने पिता की जीत के प्रति आश्वस्त हैं। यह चुनाव दोनों विधायकों के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। दोनों ही इस जीत के साथ अपने राजनीतिक जीवन को आगे बढ़ता भी देख रहे हैं। दोनों विधायकों का कहना है कि यहां पर अगर पार्टी की जीत होती है तो कठिन वक्त में कांग्रेस को दो सीट हासिल होगी और इसका सीधा फायदा उनके राजनीतिक जीवन पर भी पड़ेगा।
छिंदवाड़ा में बेटे के लिए पिता ने बहाया पसीना
छिंदवाड़ा सीट को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर उनके बेटे नकुल नाथ चुनाव मैदान में थे। इस बार भाजपा ने यहां पर जीत के लिए खूब पसीना बहाया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी अपने बेटे की जीत के लिए पूरे समय जुटे रहे। उन्हें अपने बेटे नकुलनाथ की जीत पर भरोसा है। वहीं भाजपा एग्जिट पोल के आधार पर इस सीट पर भी अपनी जीत मान रही है। अब कल मंगलवार को परिणाम यह तय कर देगा कि कमलनाथ अपना गढ़ बचाने में कामयाब रहे या फिर भाजपा ने इस गढ़ में सेंधमारी की?