एक दिन में 1 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की चुनौती

रीवा। समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली धान में अधिकारियों की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ सकती है। खरीदी का समय अब मात्र एक दिन बचा है ऐसे में एक लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अधिकारियों के लिए चुनौती बन गया है। माना यह जा रहा है कि अगर खरीदी का समय नहीं बढ़ाया गया तो संभाग में 30 हजार से ज्यादा किसान धान की बिक्री से वंचित हो जाएंगे।

गौरतलब है कि समर्थन मूल्य पर की जाने वाली धान की खरीदी 7 दिसम्बर से शुरू की गई थी। जो 20 जनवरी तक की जानी थी। ऐसे में पूरे संभाग में खरीदी का लक्ष्य 5 लाख 7 हजार मीट्रिक टन रखा गया था। खरीदी केन्द्रों में व्यवस्था दुरुस्त न होने के चलते जहां किसान पूरी तरह से परेशान रहे वहीं अधिकारियों की लापरवाही के चलते बारदाने की कमी ने धान खरीदी में ब्रेक लगा दिया है।

पूरे संभाग में बनाए गए 2सौ खरीदी केन्द्रों में जहां अन्नदाताओं को अपनी धान बेचने के लिए काफी मुसीबत का सामना करना पड़ा, वहीं खरीदी केन्द्र प्रभारी एवं कर्मचारियों ने खुलकर लूट भी की है। कई जगह धान चोरी किए जाने के मामले भी प्रकाश में आए हैं। खास बात यह है कि अब तक रीवा, सीधी, सतना एवं सिंगरौली में पंजीकृत 1 लाख 24 हजार 632 किसानों में से मात्र 87 हजार 425 किसानों ने ही अपनी धान की बिक्री की है। माना यह जा रहा है कि खरीदी का समय एक दिन शेष रह जाने के बाद कई किसान धान की बिक्री से वंचित हो जाएंगे।

एक तिहाई किसानों का हुआ भुगतान
रीवा, सीधी, सतना एवं सिंगरौली में धान खरीदी के लिए पंजीकृत 1 लाख 24 हजार 632 किसानों ने अपना पंजीयन कराया था। जिसमें अब तक 87 हजार 425 किसानों ने धान की बिक्री की है। ऐसे में किसानों का देयक भुगतान 84,523.11  करोड़ में से मात्र 31,758.31 करोड़ का ही भुगतान हो पाया है। ऐसे में यह स्पष्ट हो रहा है कि अभी तक मात्र एक तिहाई किसानों का ही भुगतान हो सका है।

तराई के कई केन्द्रों में पकड़ी गई यूपी की धान
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बनाए गए सीमावर्ती केन्द्रों में भले ही शासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए थे। बावजूद उत्तरप्रदेश की धान उन केन्द्रों में बेचे जाने का मामला भी प्रकाश में आया है। जिले के मांंगी खरीदी केन्द्र में पिछले दिनों 140 क्विंटल धान पकड़ी गई थी जो उत्तरप्रदेश से आई थी। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नाममात्र के लिए की गई कार्रवाई के बाद इसे ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया है। सूत्रों की मानें तो यूपी की धान को खरीदी केन्द्र तक लाने में अधिकारियों ने खुद के दलाल तय कर रखे थे। अतरैला में पदस्थ सेल्समैन विनोद तिवारी को इस कार्य का जिम्मा दिया गया था। जिसमें उसका नाम सीमावर्ती खरीदी केन्द्रों में उत्तरप्रदेश की धान बिक्री करने में सामने आया था। लिहाजा इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

किसानों ने किया हंगामा
संभाग के कई खरीदी केन्द्रों में बारदानों की कमी के चलते जहां खरीदी प्रभावित हुई है, वहीं किसानों ने इस अव्यवस्था पर जमकर हंगामा किया है। जिले के तराई अंचल के रिमारी में गुरुवार को किसानो ने हंगामा किया। बताया गया है कि कई खरीदी केन्द्रों में एक सप्ताह से बारदाना की कमी के चलते तौल नहीं हो पा रही है। ऐसे में किसान अपने अनाज को लेकर खरीदी केन्द्रों में डटे हुए हैं। प्रशासनिक अव्यवस्था पर अन्नदाताओं ने रोष जताया है। माना यह जा रहा है कि सही समय पर केंद्र मे  वारदाना न पहुंचने से अब किसानों की धान खरीदी केंद्र में बेचना सबसे बड़ी चुनौती होगी।