NGT में प्रकरण विचाराधीन फिर भी हो रहा थाना निर्माण

सतना। अमौधा तालाब के अगोर क्षेत्र में थाना भवन के निर्माण को लेकर प्रशासनिक हठधर्मिता रुकने का नाम नहीं ले रही। अफसोस और चिंता की बात यह है कि, निर्माण रोकने का आदेश एनजीटी द्वारा पहले ही 05 दिसंबर को दिया जा चुका है। यही नहीं अदालत की अवमानना का प्रकरण भी चल रहा है। बावजूद, निर्माण दूारी मंजिल तक जारी है।

पूर्व सरपंच कमलेश अहिरवार, पार्षद मीना माधव समेत वार्ड के लोगों ने लिखित जानकारी देते हुए बताया कि, दो सौ वर्ष पुराने अमौधा तालाब के अगोर क्षेत्र को मिट्टी से भरकर थाना भवन बनाए जाने का पहले ही दिन से विरोध किया जाता रहा है। लेकिन, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के संरक्षण में वार्डवासियों के हितों और तालाब संरक्षण को दरकिनार कर न केवल निर्माण की अनुमति दी गई बल्कि महीनेभर चले आंदोलन और एनजीटी के स्थगन आदेश की अवमानना की गई।

आरजी क्रमांक 401/1 में बन रहे थाना भवन की मौजूदा स्थिति की जानकारी में बताया गया है कि, स्थगन आदेश के बाद भी 12 से 14 जनवरी के बीच छत की ढलाई की गई। जबकि, 14 जनवरी 2020 को ही न्यायालय में सुनवाई विचाराधीन थी। अपरिहार्य कारणों से सुनवाई 14 और फिर 16 जनवरी को नहीं हो सकी। 21 जनवरी को न्यायालय में जिला प्रशासन के प्रतिनिधि ने पक्ष रखते हुए शपथ-पत्र दिया कि, तालाब के भराव क्षेत्र से 112 से 118 फीट की दूरी पर निर्माण हो रहा है। जबकि, वार्ड के लोगों के मुताबिक तालाब के जल भराव क्षेत्र को मशीन से मिट्टी डाल कर पाटा गया है। प्रशासन द्वारा जबरन कराए जा रहे निर्माण का अच्छेलाल अहिरवार, गुड़िया, सवित्री, रेखा अहिरवार, भोला अहिरवार, मनसुख लाल, मानिकलाल, डाऊ. कुलभूषण कोरी, महेन्द्र अहिरवार, दीनदयाल, आदि ने पुरजोर विराध किया है।