दर्शनार्थियों के लिए खुला हनुमान धारा का रोप-वे
चित्रकूट | मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह खबर खुशी का वायस बन सकती है कि शुक्रवार से हनुमान धारा रोपवे की सुविधा उनके लिए प्रारंभ कर दी गई है। अब चित्रकूट पहुंचने वाला कोई भी श्रद्धालु दामोदर रोपवे इन्फ्रा लिमिटेड द्वारा स्थापित किए गए रोपवे सेवा का लुत्फ उठा सकता है। शुक्रवार को चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी, राजगुरु स्वामी 1008 बदरी प्रपन्नाचार्य ,डीआरआई निदेशक अभय महाजन, दामोदर रोपवेज के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट श्रवण अग्रवाल समेत कई गणमान्य नागरिकों की मौजूदगी में श्रद्धालुओं के लिए सेवा प्रारंभ की गई।
पहले 618 सीढ़ी चढ़ते थे अब हवा में 302 मीटर दूरी नापेंगे
गौरतलब है कि हनुमान धारा के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु हर साल पहुंचते हैं। यहां श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए 618 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती थीं जो खड़ी होती थी । ऐसे में कई मर्तबा बुजुर्ग दर्शनार्थियों को नीचे से ही पूजा अर्चना कर वापस लौटना पड़ता था। अब रोपवे के संचालन होने से ऐसे दर्शनार्थियों के लिए दर्शन करना आसान हो गया है। अब दर्शनार्थी 618 सीढ़ियां चढ़ने के बजाय 302 मीटर की हवाई यात्रा कर आसानी से दर्शन के लिए पहुंच सकेंगे।
प्रबंधन ने बताया कि रोपवे की ट्राली सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी। इसका शुल्क भी आमत्रित अतिथियों के सामने जीएसटी सहित 130 रूपए प्रति व्यक्ति तथा बच्चों 83 रूपए बताया गया है। ट्रॉली में एक साथ छह लोग बैठ सकते हैं।प्रबंधन का दावा है कि रोपवे पर लगी ट्राली बेहद आधुनिक तौर पर बनाई गई है जो सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह से सत्यापित है।
गौरतलब है कि 13 करोड़ की लागत से तैयार होकर हर घंटे 500 यात्री का आवागमन कराने वाले 302 मीटर लंबे रोप-वे को कोलकाता की दामोदर रोप-वे कंपनी द्वारा दो साल में तैयार किया गया है। इसका पिछले माह अनौपचारिक उद्घाटन किया गया था जो शुक्रवार से आम श्रद्धालुओं के लिए प्रारंभ कर दिया गया है।
याद किए गए गोलोकवासी रामानुजाचार्य
आम श्रद्धालुओं के लिए रोप-वे सेवा प्रारंभ करने के पूर्व शुक्रवार को गोलोकवास राजगुरु श्री श्री 1008 स्वामी संकर्षण प्रपन्नाचार्य रामानुजाचार्य की जयंती पर पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। इस आयोजन पर राजगुरु स्वामी 1008 बदरी प्रपन्नाचार्य पहुंचे। उन्होंने आए हुए सभी लोगों को और रोपवे के संचालन होने पर दर्शनार्थियों को आशीर्वाद दिया। इसके बाद उन्होंने रोपवे से हनुमान जी के दर्शन किए।