स्थानीय निधि संपरीक्षा की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, सिरमौर नगर परिषद में 80 लाख का लोचा
रीवा | सिरमौर नगर परिषद में गत वर्ष की गई निधि संपरीक्षा में 80 लाख रुपए की हेराफेरी का मामला प्रकाश में आया है। दरअसल संपरीक्षा अर्थवर्ष 19-20 की परीक्षण में पाया गया कि सिरमौर नगर परिषद द्वारा बैंक समाधान विवरण पत्रक नहीं तैयार किया गया है। जबकि लेखापाल कैशबुक और बंैक स्टेटमेंट में भारी अंतर पाया गया है। नगर परिषद के 12 बैंकों का योग 30 सितम्बर 2019 की स्थिति में 4 करोड़ 77 लाख 140 रुपए बताया गया। जबकि कैशबुक में यह राशि 5 करोड़ 56 लाख 62 हजार 474 पाई गई। यानी कि कुल 79 लाख 62 हजार 633 रुपए की राशि कहां गई इसका कोई अता-पता नहीं है।
बताया गया है कि 1 अक्टूबर 2019 को कैशबुक का प्रारंभिक शेष 5 करोड़ 56 लाख 62 हजार 774 के स्थान पर कैशबुक का प्रारंभिक शेष बैंक स्टेटमेंट के अनुसार 4 करोड़ 77 हजार 140 रुपए दर्ज किया गया। जिसमें कैशबुक एवं बैंक की पासबुक में 79 लाख 62 हजार 634 रुपए की भारी राशि बैंक के खाते में कम प्रदर्शित हो रही है। स्थानीय निधि संपरीक्षा ने कहा है कि इतनी बड़ी रकम का कम प्रदर्शित होना संस्था में गंभीर अनियमितता और अनाधिकृत बैंक आहरण से इंकार नहीं किया जा सकता।
वहीं मध्यप्रदेश नगर पालिका लेखा 2013 के निहित प्रावधान के यह विरुद्ध है। इस मामले की जांच करने के लिए संयुक्त संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा ने सिरमौर नगर परिषद अध्यक्ष एवं अधिकारी को 27 नवम्बर 2020 को पत्र भी लिखा था और 45 दिन के भीतर स्थानीय प्राधिकारी का विशेष सम्मिलन बुलाकर त्रुटियों और अनियमितताओं का परिशोधन करने के निर्देश दिए थे।
राशि का दुरुपयोग होना संभावित
स्थानीय निधि संपरीक्षा की रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि लेखापाल कैशबुक और बैंक स्टेटमेंट के बीच गायब हुई 79 लाख 62 हजार 633 की राशि का दुुरुपयोग संभावित है। क्योंकि लेखापाल कैशबुक एवं बैंक स्टेटमेंट में भारी अंतर है और लेखापाल कैशबुक में व्यय प्रमाणकों के अंकित करने में काफी काट-छांट की गई है और बार-बार बटे नंबर डालकर बाउचरों की प्रविष्टि की गई है।
गौरतलब है कि ऐसा करना लेखा नियमों के विपरीत है और मप्र नगर पालिका लेखा नियम 2018 के नियम 6 के अनुसार कैशबुक एवं बैंक पासबुक का प्रत्येक माह मिलान किया जाना चाहिए जो कि सिरमौर नगर परिषद में नहीं किया जा रहा था। दरअसल कैशबुक दिनांक 1 अप्रैल 2019 एवं बैंक स्टेंटमेंट दिनांक 1 अप्रैल 2019 से 30 सितम्बर 2019 तक मिलान में लेखापाल कैशबुक में 5 करोड़ 56 लाख 62 हजार 474 और बैंक स्टेटमेंट में 4 करोड़ 77 हजार 140 रुपए पाया गया। यानी कि लेखापाल कैश बुक और बैंक स्टेटमेंट में 79 लाख 62 हजार 633 का अंतर मिला।
जांच के दिए हैं निर्देश
संयुक्त संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा ने नगर परिषद सिरमौर के मुख्य नगर परिषद अधिकारी को इस हेराफेरी की जांच करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि नगर परिषद सिरमौर में लगभग 80 लाख रुपए का लोचा हुआ है। यह राशि किसी की जेब में चली गई है या अच्छे से खातों को टैली नहीं किया गया है। यह फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता। जांच होने के बाद ही सारी सच्चाई सामने आएगी। हालांकि स्थानीय संपरीक्षा को यह संदेह है कि उक्त राशि का दुरुपयोग हो सकता है।
नगर परिषद सिरमौर के कुल 12 बैंकों में खाते हैं। जिनमें से स्टेट बैंक आफ इंडिया शाखा रीवा में 2, आईडीबीआई शाखा रीवा में 1, पंजाब नेशनल बैंक सिरमौर में 2, यूनियन बैंक में 3 एवं मध्यांचल बैंक सिरमौर, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सिरमौर, और केनरा बैंक रीवा में एक-एक खाता है। इन सभी बैंकों में 30 सितम्बर 2019 की अवशेष राशि 4 करोड़ 77 लाख 140 दर्शाई जा रही है। वहीं कैशबुक के अनुसार शेष राशि 5 करोड़ 56 लाख 62 हजार 774 है। यानी कि इन दोनों का अंतर 79 लाख 62 हजार 634 रुपए कहां गए कुछ पता नहीं है।
अभी कई खुलासे होना बाकी
लेखापाल कैशबुक और बैंक स्टेटमेंट में मिले लगभग 80 लाख रुपए का अंतर आॅडिट रिपोर्ट का सिर्फ एक भाग है। ऐसे ही सिरमौर नगर परिषद में कई भुगतान किए गए हैं जिन्हें निधि संपरीक्षा ने अवैध माना है और वसूली के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि सिरमौर नगर परिषद हमेशा से सुर्खियों में रहा है। कभी 18 लाख रुपए के पीएम आवास घोटाले जिसकी जांच फाइल एक साल से दबी हुई है तो 22 लाख रुपए का बोरवेल घोटाला। अब एक और मामला सामने आ गया है। धीरे-धीरे नगर परिषद में राशियों की हुई हेराफेरी के पन्ने खुलते रहेंगे।