मातृभूमि पर मर-मिटने की भक्ति है हिन्दी : राज्यपाल

मातृभूमि पर मर-मिटने की भक्ति है हिन्दी : राज्यपाल
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि हिन्दी, माँ भारती के मस्तक की बिंदी है। यह सिर्फ भाषा नहीं, भावों की अभिव्यक्ति और मातृभूमि पर मर मिटने की भक्ति है। हिंदी के सतत् विकास, समृद्धि और प्रसार के लिए क्षेत्रीय शब्दों का हिन्दीकरण और सरलीकरण जरूरी है।
राज्यपाल पटेल मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति द्वारा आयोजित हिन्दी भाषी साहित्यकार और हिन्दी सेवा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सम्मानित लेखकों, प्रशासनिक अधिकारियों, हिन्दी सेवा साधकों और युवा साहित्यकारों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।  राज्यपाल ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में हिन्दी का प्रसार अहिंदी भाषी राज्यों सहित विदेशों में भी बढ़ा है। राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे वैज्ञानिक विषयों की सम्पूर्ण पढ़ाई हिंदी में कराने वाला देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति महात्मा गांधी जी के हिंदी के माध्यम से राष्ट्रीय एकता के सपने को पूरा करने की दिशा में प्रयासरत है।
प्रशासनिक अधिकारियों, साहित्यकारों को किया सम्मानित
राज्यपाल ने समारोह में हिन्दी सेवी सम्मान-2024 प्रदान किया। उन्होंने अलग-अलग श्रेणियों में साहित्यकारों, प्रशासनिक अधिकारियों और हिन्दी सेवा साधकों को सम्मानित किया। सम्मानित किए गए साधकों में विशिश्ट हिन्दी सेवी सम्मान छिंदवाडा के गोवर्धन यादव को, सुंदरबाई तिवारी सम्मान सुधा दुबे को, श्रीमती सतीश बालकृश्ण ओबेराय पुरस्कार कुलतार कौर कक्कड़ को, प्रकाश कुमारी हरकावत नारी लेखन पुरस्कार डा मंजु मेहता को, स्वर्गीय श्रीमती हुक्मदेवी प्रकाशचंद कपूर पुरस्कार अशोक मनवानी को हजारी लाल जैन वांग्मय पुरस्कार दिनेश कुमार माली को, अंबाकी प्रसाद वर्मा दिव्य पुरस्कार डा अखिलेश पलारिया को दिया गया। पुरस्कारों में हिन्दीतर भाषी हिन्दी सेवी, विशिष्ट हिन्दी सेवी सम्मान, स्थापित सम्मान और युवा साहित्यकारों के लिए सम्मान शामिल रहे।