इधर बेटे ने गुमशुदगी दर्ज कराई, उधर भूटान और बंगाल से आकर बेटियों ने पिता को तलाशा
सतना | कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत प्रेमनगर में बुजुर्ग पिता पुत्र पर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए घर से निकल गया । बेटे ने भी कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई। लेकिन खबर लगते ही बुजुर्ग की बेटियां भूटान और बंगाल से सतना आ पहुंची और बुजुर्ग पिता को ढूंढ़ निकाला। दरअसल प्रेमनगर स्थित कपूर बंगला के पीछे 90 वर्षीय नवलदास शर्मा का आवास है। जहां वे पत्नी कृष्णाबाई शर्मा, पुत्र ठाकुरदास शर्मा व अन्य परिजनों के साथ रहते थे। 6 माह पूर्व कृष्णाबाई का निधन हो गया।
नवलदास का आरोप है कि पत्नी के निधन के पूर्व भी पुत्र उनकी उपेक्षा करता था। लेकिन निधन के बाद उपेक्षा और ज्यादा हो गई। इसी बात को लेकर उनके और पुत्र के बीच कहा-सुनी होती थी। बताया जाता है कि गत दिवस ऐसी ही कहा सुनी के बाद नवलदास छड़ी लेकर घर से निकलने लगे जिसे ठाकुरदास ने छीन लिया। बावजूद नवलदास घर से निकल आए। शाम 7 बजे ठाकुरदास ने कोतवाली में सूचना दी कि उसके बुजुर्ग पिता घर से चले गए हैं। जिन्हें हर जगह तलाशने के बाद भी पता नहीं लगाया जा सका। उधर, उनके चले जाने की जानकारी पड़ोसियों ने बंगाल में रह रही नातिन रत्ना को दे दी ।
रत्ना ने मां केसर को बताया। जो अपने पिता का हश्र सुनकर अवाक रह गर्इं। उन्होंने आनन फानन भूटान में रहने वाली बहन मेनुका को जानकारी दी और दोनों ने अविलंब सतना पहुंचने का निर्णय लिया। दोनों बहनें प्लेन के जरिए जबलपुर पहुंची। फिर सड़क मार्ग से सतना आकर पिता की तलाश शुरू की। बेटियों की पिता के प्रति फिक्र इस कदर थी कि उन्होंने हर जगह ढंूढा। अंतत: बेटियों ने उन्हें रेलवे स्टेशन में तलाश लिया। जैसे ही पिता व बेटियों ने एक दूसरे को देखा वैसे ही भाव विह्वल हो उठे।
कोतवाली पुलिस को उनके सकुशल मिल जाने की सूचना दी गई। बुजुर्ग पिता ने पुत्र के साथ रहने की अनिच्छा जताते हुए बताया वह पुत्र उनकी उपेक्षा करता है। उसे मिलने वाली 30 हजार की पेंशन पर हक जताता है। बुजुर्ग ने पुत्र पर धक्का मुक्की केआरोप भी लगाए। जबकि पुत्र ठाकुरदास का कहना है कि,आरोप निराधार हैं। दरअसल वे अकसर डांट फटकार करते रहते हैं। वे छड़ी लेकर नाराज होकर जा रहे थे इसलिए छड़ी रख ली थी ताकि ठंड में कहीं न जाएं।
...और बेटियों की आंखों से छलका लॉकडाउन का दर्द
पिता को सकुशल पाकर नवलदास शर्मा की बेटियों की आंखें मां को याद कर नम हो उठीं। दरअसल मेनुका और केसर शर्मा की मां कृष्णाबाई का निधन तकरीबन 6 माह पूर्व हुआ था। उस दौरान समूचे देश में लाकडाउन लगा था और एक से दूसरी जगह तक आने जाने में पाबंदी थी। ऐसे क्षणों में दोनों चाहकर भी उनके अंतिम दर्शन करने नहीं आ सकीं। दोनों बहनों ने बताया कि उन्होंने आॅनलाइन मां के पार्थिव शरीर के दर्शन किए। स्क्रीन पर ही उन्हें नमन किया। अब पिता के गायब होने की सूचना मिली तो रूक नहीं पार्इं, सतना पहुंच गर्इं।