कर्ज में डूबी सरकार, विपक्ष ने बोला हमला
भोपाल। प्रदेश पर बढ़ते कर्ज को लेकर एक बार फिर विपक्ष सरकार पर हमलावर हुआ है। हाल ही में केग की रिपोर्ट में सरकार पर हुए भारी कर्ज के खुलासे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मौजूदा प्रदेश की सरकार को घेरा है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश पर बढ़ते कर्ज को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्य प्रदेश को कर्ज़ के दलदल में इस तरह डुबा दिया गया है कि केग की रिपोर्ट में भी कर्ज़ के हालात पर चिंता व्यक्त की गई है। हालत यह हो गई है कि कर्ज़ चुकाने के लिए भी कर्ज़ लिया जा रहा है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह चौपट कर प्रदेश को दिवालियापन की तरफ़ धकेला जा रहा है। प्रदेश में अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के बजाए कर्ज़ लेकर काम चलाया जा रहा है। अगर मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को तेज कर रोज़गार के नए अवसर सृजित करे तथा मौजूदा कृषि एवं अन्य व्यवसाय का आधुनिकीकरण करे तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि अर्थव्यवस्था में सुधार की बात तो दूर प्रदेश सरकार का ध्यान अर्थव्यवस्था पर है, ही नहीं।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार कि इसी कर्ज़ नीति का परिणाम है कि मध्य प्रदेश की जनता पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस सिलेंडर और बिजली सबसे ज़्यादा महँगी क़ीमत पर ख़रीदती है। जनता जो टैक्स जमा करती है, उसका इस्तेमाल सरकार कर्ज़ का ब्याज चुकाने में कर रही है। इस भारी भरकम कर्ज़ का उपयोग जनता के कल्याण के बजाए ठेका और कमीशनराज में हो रहा है।
प्रति व्यक्ति 45 हजार रूपए है कर्ज
राज्य सरकार पर इस समय क़रीब पौने 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है। यदि प्रति व्यक्ति कर्ज़ के लिहाज़ से देखें तो एक साल पहले मध्य प्रदेश के हर नागरिक पर 39 हज़ार रुपया कर्ज़ था, जो इस वर्ष बढ़कर 45 हज़ार रुपया हो गया और मार्च 2025 तक 55 हज़ार रुपया प्रति व्यक्ति कर्ज़ हो जाएगा। राज्य सरकार की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कर्ज़ का ब्याज चुकाने में ख़र्च होता है।