स्टेशन में आग से सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी

सतना | रेलवे स्टेशन में आग बुझाने के लिए अग्निशामक यंत्र एवं प्लेटफार्म में बालू व पानी को भरकर बाल्टियों में रखा जाता हैं। ताकि आग लगने पर उसे बुझाया जा सके। लेकिन, प्लेटफार्म-1 में पार्सल कार्यालय के पास इलाहाबाद छोर की तरफ रखी बाल्टियां गल गई हैं। जिनमें कुछ भरा ही नहीं जा सकता? कई बाल्टियां खाली है। बताया जाता है कि प्लेटफार्म-1 में पार्सल व लगेज बुक कर रखे जाते हैं। ऐसे में अगर आग से दुर्घटना हुई, तो गंभीर स्थिति बन सकती है। स्टेशन के दोनों छोर की तरफ फ्यूल प्वाइंट भी हैं जहां डीजल का रिसाव होता रहता है।

5 महीने से एक्सपॉयरी डेट
पार्सल कार्यालय के अंदर व बाहर एक-एक अग्निशामक लगाया गया है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि 5 महीनों में जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया कि अग्निशामक यंत्र कब एक्सपॉयरी डेट के हो गए। पार्सल कार्यालय के बाहर लगे अग्निशामक यंत्र की अंतिम तारीख 12 मई 2017 व पार्सल कार्यालय के अंदर लगे अग्निशामक यंत्र डेट 23  जुलाई 2019 को ही खत्म हो गई।

जानकार बताते हैं कि यहां 30 से 40 क्विंटल पार्सल व लगेज न जाने तक डम्प रहता है। शहर के मुख्य मार्गो में जाम लगा रहता है। स्टेशन शहर के बीचोबीच है। अगर स्टेशन में आग की घटना होती है और फायर ब्रिगेड बुलाई जाती है तो जाम लगने से फायर ब्रिगेड कितने समय में पहुंचेगी?  नहीं कहा जा सकता। रेलवे के पास आग बुझाने के लिए अग्नि शामक यंत्र, बालू डालने के अलावा कोई इंतजाम नही हैं। रेलवे के पास स्वयं की फायर ब्रिगेड भी नहीं है।