लगातार हार के बाद भी कांग्रेस में थम नहीं रही गुटबाजी

लगातार हार के बाद भी कांग्रेस में थम नहीं रही गुटबाजी

पटवारी से खफा हुए कमलनाथ, दिग्विजय और मीनाक्षी नटराजन
भोपाल। विधानसभा और फिर लोकसभा में मिली करारी हार के बाद भी कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। नए प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से जीतू पटवारी द्वारा की जा रही नियुक्तियों को लेकर बड़े नेताओं ने उनका खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है। अब तक बैठकों में कांग्रेस के बड़े नेता साफतौर पर कहने लगे हैं कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है।
प्रदेश में कांग्रेस में उठती कलह अब कोई नई बात नहीं रही, लेकिन दिल्ली में बैठे पार्टी के शीर्ष नेताओं के लिए यह चिंता का विषय बन चुका है। लंबे समय से राज्य में कांग्रेस के भीतर दो गुट नजर आ रहे हैं। एक गुट में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेता हैं, जबकि दूसरे गुट में युवा नेता और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी हैं। हाल ही में हुई कांग्रेस की  बैठक में इस कलह का खुलासा भी हुआ, जब कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और मीनाक्षी नटराजन जैसे दिग्गज नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है और बैठकों तक की सूचना नहीं दी जाती।
कमलनाथ ने कहा उन्हें जानकारी ही नहीं दी जाती
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कांग्रेस से मोहभंग होने की खबरें पहले भी आई थीं और विधानसभा चुनाव के बाद तो उनके भाजपा में जाने की अटकलें भी तेज हो गई थीं। हालांकि, यह सियासी चर्चा खत्म हो गई थी, लेकिन अब एक बार फिर कमलनाथ ने बैठक में अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि नियुक्तियों से लेकर बैठकों तक की सूचना नहीं दी जाती और बिना उनके विचार विमर्श के फैसले किए जाते हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मीनाक्षी नटराजन ने भी कमलनाथ का समर्थन किया और कहा कि पार्टी के नए नेताओं की ओर सीनियर नेताओं की उदासीनता बढ़ रही है।
गलत नियुक्ति पत्रों को किया निरस्त
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सभी फैसले सभी के विचार से किए जा रहे हैं और उन्होंने दावा किया कि कुछ नियुक्तियों का गलत पत्र जारी हो गया था, जिसे तुरंत निरस्त कर दिया गया। हालांकि, यह दावा पार्टी में चर्चा का विषय बन चुका है और कई नेता पटवारी के फैसलों को लेकर असंतुष्ट हैं। मालवा, विंध्य और बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में भी कांग्रेस में उठते मतभेद स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं, जिससे पार्टी की आंतरिक स्थिति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अब यह देखना होगा कि इस कलह के बीच पार्टी अपनी स्थिति कैसे संभालती है।
नेताओं की पार्टी में वापसी करानी चाहिए
कमलनाथ ने पार्टी के भीतर मांग उठाई कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले लोगों की घर वापसी कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग हमें छोड़कर बीजेपी में चले गए थे, अब वे लोग वापस आना चाहते हैं। मुझसे संपर्क कर रहे हैं, हमें उनकी वापसी पर विचार करते हुए कोई फैसला लेना चाहिए। बैठक में मौजूद दूसरे नेताओं ने कमलनाथ की मांग पर कहा कि जो लोग पार्टी को धोखा देकर गए हैं, उन्हें वहीं रहने दिया जाए, जहां वे हैं। गद्दार लोगों की चिंता हमें छोड़ देनी चाहिए। कमलनाथ ने कहा कि वो लोग हमारे मजबूत लोग रहे हैं। उनकी विधानसभा क्षेत्रों में पकड़ है। उनकी वापसी से पार्टी को मजबूत मिलेगी। इस पर दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी सहित कई नेताओं ने कहा कि अभी इसे होल्ड पर रखते हैं।